सरकार की ओर से काश्तकारों को उपज का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए समर्थन मूल्य पर जिंसों की खरीद की जाती है। इसके तहत राजसमंद जिले में चार खरीद केन्द्र बनाए गए हैं। गेहूं की खरीद के लिए पंजीकरण का कार्य एक जनवरी से प्रारंभ हो गया है, जबकि खरीद 10 मार्च से शुरू होनी थी। लेकिन फसलों की कटाई आदि नहीं होने सहित कई कारणों के चलते काश्तकारों ने नाममात्र के रजिस्ट्रेशन कराए थे। इसके कारण अभी तक खरीद शुरू नहीं हो सकी, लेकिन अब खेतों में जैसे-जैसे फसल कटती जा रही है, वैसे ही रजिस्ट्रेशन की संख्या बढऩे लगी है। ऐसे में आगामी एक अप्रेल से गेहूं की खरीद किए जाने की संभावना जताई जा रही है। इसमें मुख्य बात यह है कि इस बार भारतीय खाद्य निगम की ओर से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की जाएगी। इससे भुगतान आदि में किसी प्रकार की समस्या काश्तकारों को नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि जिले में अभी तक 20 प्रतिशत गेहूं की कटाई हुई है।
22710 मेट्रिक टन खरीद का लक्ष्य
भारतीय खाद्य निगम के अधीन राजस्व जिले राजसमंद, चित्तौडगढ़़, उदयपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, सिरोही एवं डूंगरपुर में कुल 26 खरीद केंद्रों की स्थापना की गई है। यहां पर रबी विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत गेहूं की खरीद की जाएगी। इस वर्ष समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद का कुल लक्ष्य 22,710 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है।
2575 मिलेगा प्रति क्विंटल मूल्य
केन्द्र सरकार की ओर से इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। राज्य सरकार ने 150 रुपए प्रति क्विंटल के बोनस की घोषणा करने से किसानों को 2575 रुपए प्रति क्विंटल मूल्य मिलेगा। साथ ही बोनस सहित सारा भुगतान फसल बेचान के 48 घंटे के भीतर जनाधार से जुड़े खाते में किया जाएगा। पंजीकरण के लिए मात्र जनाधार संख्या एवं जमीन की खाता संख्या ही आवश्यक है।
जिले में यहां बनाए केन्द्र
भारतीय खाद्य निगम की ओर से जिले में चार खरीद केन्द्र बनाए गए हैं। इसके तहत राज्यावास में अब तक 34 काश्तकारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसी प्रकार कांकरोली में 29, कुरज में 29 एवं मदारा में 12 काश्तकारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। हालांकि पिछले साल राजफेड की ओर से खरीद की जाती थी, लेकिन इस बार अभी तक कोई केन्द्र नहीं बनाया गया है।यह दी गई छूट– गेहूं में क्षतिग्रस्त, सिकुड़े दानों की मात्रा बढ़ाकर की 20 प्रतिशत- काश्तकार जितना चाहे गेहूं की कर सकता है बिक्री, पहले थी लिमिट- काश्तकार अपनी उपज को एक साथ लेकर लाने के लिए नहीं होगा बाध्यरजिस्ट्रेशन जारी, ग्रामीणों को कर रहे जागरूकजिले में चार केन्द्र बनाए गए हैं। अभी तक 104 काश्तकारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। रजिस्ट्रेशन बढ़ाने के लिए गांव-गांव जाकर काश्तकारों को जागरूक किया जा रहा है। इस बार काश्तकारों की सुविधा के लिए कुछ छूट भी दी गई है।– सुरेन्द्र सिंह नाथावात, किस्म निरीक्षक, भारतीय खाद्य निगम राजसमंद