स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ती मांग और बढ़ती चुनौती
केलवाड़ा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। खासकर पर्यटकों की आमद के कारण, अस्पताल में ओपीडी और आईपीडी दोनों ही मामलों में उछाल देखा जा रहा है। वहीं, क्षेत्र की भौगोलिक और सामाजिक स्थिति के कारण, यहां की आबादी को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की सख्त आवश्यकता महसूस हो रही है। 30 बेड वाले इस अस्पताल में अब ज्यादा मरीजों के इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं जरूरी हो गई हैं।
विधायक की पहल और प्रशासन की सक्रियता
6 मार्च को डॉ. नागेंद्र पाल सिंह, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एक पत्र लिखकर अस्पताल की वर्तमान स्थिति और क्षेत्र की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों को विस्तार से बताया। इसके बाद, 12 मार्च को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जयपुर स्थित स्वास्थ्य निदेशक को पत्र लिखकर केलवाड़ा को जल्द ही उप जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत करने का अनुरोध किया। क्षेत्र की विशेषताएं और चुनौतियां
- जनसंख्या और भौगोलिक स्थिति: यह क्षेत्र 1.10 लाख की बढ़ती जनसंख्या वाला पर्वतीय और जनजातीय इलाका है। जहां लोग दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों और जंगलों में रहते हैं। इसके कारण यहां की चिकित्सा सुविधाओं की मांग भी बढ़ रही है।
- बढ़ती रोगी संख्या: पिछले चार वर्षों में ओपीडी मरीजों की संख्या 40 से बढ़कर 200 प्रतिदिन हो चुकी है, वहीं आईपीडी मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस बढ़ती संख्या के कारण एक बड़े अस्पताल की आवश्यकता महसूस हो रही है।
- आपातकालीन सेवाएं: केलवाड़ा क्षेत्र में दुर्घटनाओं और वन्यजीवों के हमले के मामले भी आम हैं। इस कारण एक अच्छी आपातकालीन चिकित्सा इकाई और ऑक्सीजन प्लांट की सख्त जरूरत है, ताकि घायल मरीजों को समय पर उपचार मिल सके।
- स्वास्थ्य संसाधनों की कमी: अस्पताल में स्टाफ और संसाधनों की कमी बनी हुई है, और ब्लड बैंक जैसी आवश्यक सुविधाओं की भी आवश्यकता है।
विधानसभा में उठाया मुद्दा
विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़ ने विधानसभा में केलवाड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उप जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत करने की बात की थी। उन्होंने कहा कि इस कदम से क्षेत्रवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी और अस्पताल की क्षमता भी बढ़ेगी। इस कदम से न केवल केलवाड़ा बल्कि समूचे कुंभलगढ़ उपखंड में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, जिससे लोगों को बेहतर इलाज मिल सकेगा और क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं का दायरा बढ़ेगा।