शहर में इस समय 41 हजार से ज्यादा नल कनेक्शन हैं जिनकी नियमित आय नगर निगम को 175 रुपए प्रति माह के हिसाब से हो रही है। हाल ही के महीनों में चलाए अभियान के दौरान दो हजार अवैध कनेक्शनों को वैध किया जा चुका है। इससे निगम को करीब 64 लाख की आय हुई है। ये कनेक्शन वर्षों से अवैध रूप से जोडक़र इनके जरिये पानी का उपयोग किया जा रहा था।
पुलिस पर 18 लाख बकाया नगर निगम की तरफ से डीआरपी पुलिस लाइन और कनेरी पुलिस लाइन में लिए गए कनेक्शन के बदले करीब 18 लाख रुपए बकाया हैं। पुलिस विभाग ने यह राशि वर्षों से नगर निगम को जमा नहीं कराई गई है। निगम पाइप लाइन के कनेक्शन के जरिये इन कॉलोनियों की टंकियों तक पानी पहुंचाती है और फिर इन टंकी से पुलिस लाइन के घरों में पेयजल की सप्लाई की जाती है।
यहां पता नहीं कितने कनेक्शन आफिसर्स कॉलोनी जहां जिले के सभी बड़े अफसर निवास करते हैं। इसके अलावा अजंता टाकिज पुलिस व सिविल लाइन, अलकापुरी सरकारी क्वार्टर हैं जहां निगम का कनेक्शन तो है किंतु डायरी किसी की नहीं है।
यह है वजह इन बंगलों और क्वार्टरों में रहने वाले अफसर दो या तीन साल में स्थानांतरित होकर चले जाते हैं। पिछले कई वर्षों में इनमें से किसी भी अफसर ने कोई जलकर नहीं जमा करवाया है न किसी की डायरी ही बनी हुई है।
इस तरह हो सकती वसूली बंगलों या क्वार्टरों में रहने वालों के वेतन से ही मकान भाड़ा काटने की तर्ज पर जलकर की 175 रुपए प्रति माह की वसूली की जा सकती है। यह राशि एकमुश्त नगर निगम में जमा कराई जा सकती है।
सभी को जमा करवाना चाहिए पुलिस विभाग पर बकाया वसूली के लिए पत्राचार भी किया है और निगम के अधिकारी भी व्यक्तिगत रूप से जा चुके हैं। आम जनता नियमित जलकर जमा करवा रही है। जहां तक सिविल लाइन और पुलिस लाइन में जितने भी कनेक्शन हैं उन सभी को डायरी बनाकर पेयजल की राशि जमा करवानी चाहिए। पूर्व में सभी की डायरी थी किंतु अब जमा नहीं करवाते हैं।
प्रहलाद पटेल, महापौर, रतलाम