महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
यह मंत्र रोग, भय और मृत्यु के संकट से रक्षा करता है। इसे सुबह स्नान के बाद शांत वातावरण में बैठकर रुद्राक्ष माला से 108 बार जपें। साथ ही शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाकर अभिषेक करें।
शिव पंचाक्षरी मंत्र
ॐ नमः शिवाय॥यह सबसे सरल और प्रभावशाली शिव मंत्र है। इसे आप किसी भी समय, चलते-फिरते, ध्यान करते समय या पूजा में जप सकते हैं। रोज़ाना कम से कम 108 बार जप करने से मन को शांति मिलती है और शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शिव गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महेमहादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
इस मंत्र से ज्ञान, शक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। इसका उच्चारण सूर्य उदय के समय करना शुभ माना जाता है। दीपक जलाकर भगवान शिव का ध्यान करते हुए इसका जप करें।
रूद्र मंत्र
ॐ नमो भगवते रुद्रायसर्वभूतविनाशाय
कलेकालाय
कृध्विषाय
कृत्तिवासाय
महादेवाय नमः॥
यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और जीवन में स्थिरता लाता है। इसे शांत वातावरण में आंखें बंद कर शिव का ध्यान करते हुए 108 बार जपें।
शिव तांडव स्तोत्र
जटाटवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थलेगलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं
चकार चण्डताण्डवं तनोतु न: शिव: शिवम्॥ यह स्तोत्र थोड़ा लंबा है, इसलिए आप इसे धीरे-धीरे श्लोक दर श्लोक याद करके पढ़ सकते हैं। इसका नियमित पाठ करने से जीवन में शक्ति, साहस और भक्ति का संचार होता है।