क्रोध, लोभ व मोह सब भक्ति महारानी के शत्रु
कथा में किशोरदास जू ने कहा कि जीवन में हमें संग मिले, सत्संग मिले। हमने वृक्ष लगाया वह फलित हो पुष्पित कब होगा जबतक उसे पानी, खाद समय पर न मिले। ऐसे ही हृदय है। यह खेत के समान है। हमारे जीवन में सत्संग मिलता रहेगा तो भक्ति रूपी मन बढ़ता रहेगा। तो काम, क्रोध, लोभ, मोह ये सब भक्ति महारानी के शत्रु हैं। नाम जप से ये भी नष्ट हो जाएंगे।
कुसंगति से होता है जीवन व्यर्थ
किशोरदास जू ने कहा कि साधन संपन्न व्यक्ति भी यदि चरित्रवान हो और उसके जीवन में कुसंगति आ जाए तो जीवन व्यर्थ हो जाता है, शराबी का संग करने से आप भी एक दिन शराबी बन जाएंगे। जुआरी का संग करने से आप भी एक दिन जुआरी बन जायेंगे। महापुरुषों के संग से, सत्संग से ही व्यक्ति चरित्रवान बन जाता है। हमारे अंत:करण में जो कालिका है वह सत्संग से ही उजाला होता है। जीवन में भक्ति होगी तो हम कुसंगति से दूर रहेंगे। यदि हमारे जीवन में कितना भी निकट हो, यदि भक्ति में बाधक बनता है तो उसको दूर कर दो।
सुबह गुरु पूजन हुआ
सुबह 9 बजे से देवाचार्य अजय दुबे व डॉ. अनिल तिवारी ने परिवार सहित गुरु पूजन किया। प्रताप नारायण दुबे, अजय दुबे, डॉ. अनिल तिवारी, संतोश पांडे, रामावतार पांडे, रामगोविंद शास्त्री, राम शर्मा, भरत तिवारी, पप्पू तिवारी, अंकित दुबे, श्याम नेमा, प्रभात मिश्रा व विनय मिश्रा ने आरती की। व्यासपीठ से विधायक शैलेंद्र जैन, प्रमेन्द्र गोलू रिछारिया, जाहर सिंह पूर्व, अनिल दुबे, राजेन्द्र जारोलिया, अनुराग प्यासी, शैलेष केसरवानी, अमित मिश्रा, गिरीशकांत तिवारी व कुलदीप सोनी ने आशीर्वाद लिया।