परिवार व दोस्तों के बीच मिठाइयां बांटी गई और हर्ष फायर कर परिवार के लोगों ने छात्र के साथ खूब डांस किया। अब पिता की शहर में खूब तारीफ हो रही है और यह हजारों लाखों लोगों के लिए मिसाल बन गए हैं।
दोस्तों के ज्यादा आए थे नंबर
दरअसल,
एमपी में सागर के रामपुरा वार्ड में रहने वाले नितुल कुमार जैन के दो बेटे हैं, जिनमें छोटा बेटा सार्थक इस बार कॉन्वेंट स्कूल से 10वीं की पढ़ाई कर रहा था। 3 दिन पहले परीक्षा परिणाम आया जिसमें वह पास तो हो गया लेकिन मात्र 55 प्रतिशत अंक आए, जबकि उसके दोस्तों के 75-85 प्रतिशत अंक आए थे। पिता नीतुल कुमार ने बताया कि वह रिजल्ट के बाद से ही वह अपने बेटे सार्थक को उदास और बेचैन सा देख रहे थे, उन्हें लग रहा था कि वह मानसिक दबाव में आ रहा है।
पिता ने बेटे को इस परेशानी से बाहर निकालने और खुश रहने का संदेश देने के लिए एक कार्यक्रम रखा। आयोजन में बेटे के दोस्तों, परिवार के लोगों ने हिस्सा लिया। फूल माला पहनाकर पिता ने बेटा का स्वागत किया। दादा-दादी, माता-पिता सहित दोस्तों ने सार्थक का स्वागत किया, गाजे-बाजे पर डांस किया और मिठाई बांटी गई, पिता ने बेटा को प्रोत्साहित किया तो बेटा का चेहरा खुशी से खिल उठा।
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पिता नितुल जैन ने कहा कि पढ़ाई जरूरी है लेकिन नंबर नहीं। सार्थक नंबर भले कम लाया हो लेकिन वह अन्य कार्य बेहतर कर सकता है, जो दूसरे छात्र नहीं कर सकते। माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि भी अपने बच्चों पर किसी तरह का दबाव न बनाएं और हम यह चाहते हैं कि बच्चे खुश रहें।
किसी भी तरह का गलत कदम न उठाएं, हमारी नजर में वह 55 प्रतिशत अंक लाकर भी बहुत होशियार है। वहीं छात्र सार्थक ने कहा कि पिता ने उसके लिए जो किया है उसे वह हमेशा याद करेगा और आगे और अच्छे से पढ़ाई कर माता-पिता का नाम रौशन करेगा।