सीपीसीटी परीक्षा की वैधता को लेकर लखनादौन विधायक योगेन्द्र सिंह(बाबा) द्वारा विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने बताया कि सीपीसीटी स्कोर कार्ड की सात वर्ष की वैधता समाप्त किए जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। दरअसल विधायक ने यह सवाल किया था कि क्या शासन स्कोर कार्ड की वैधता जीवनकाल तक वैध करके प्रदेश के युवाओं को संरक्षित करेगी एवं इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है। वहीं केवलारी विधायक रजनीश हरवंश सिंह ने कर्मचारियों की पदोन्नति को लेकर विधानसभा में सवाल किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मप्र लोक सेवा(पदोन्नति) नियम, 2002 को उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय के तहत अपास्त किया गया है, जिसके विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में दायर एसएलपी में पारित अंतरिम आदेश द्वारा यथास्थिति बनाए रखने से पदोन्नति की प्रक्रिया बाधित है। इस संबंध में विभाग द्वारा कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।
सिवनी विधायक द्वारा विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए प्रयास कर रही है। जबलपुर संभाग में एनडीपीएस एक्ट अधिनियम के अंतर्गत की गई कार्रवाई की भी उन्होंने जानकारी दी। बताया कि 657 आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई कर गिरफ्तार किया गया। शासन द्वारा नारकोटिक्स एवं अन्य नशीली दवाओं की रोकथाम एवं बेहतर समन्वय हेतु जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला पुलिस अधीक्षक एवं विभिन्न विभागों सहित नारकोटिक्स कोआर्डिनेशन जिलास्तरीय समिति का गठन किया गया है। विधायक ने शासकीय सेवकों को निलंबन करने के प्रावधान को लेकर प्रश्न पूछा। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मप्र सिविल सेवा नियम 1966 के अनुसार निलंबन आदेश की तिथि से 45 दिन के भीतर आरोप पत्रादि जारी किए जाने के नियम हैं, लेकिन जहां अनुशासनिक प्राधिकारी राज्य सरकार या उच्च न्यायालय हो, वहां निलंबन आदेश की तिथि से 90 दिन के भीतर आरोप पत्रादि जारी किए जाने के नियम हैं।