जांच में 3 पटवारियों का नाम सामने आया जिन्हें कलेक्टर ने निलंबित कर दिया। इस मामले में केंद्रीय मंत्री के कार्यालय से भी वक्तव्य जारी किया गया है। इसमें प्रशासन को निर्देश दिए गए कि, उनके अगले दौरे में इन आवेदनों की स्थिति की पूरी जानकारी प्रस्तुत की जाए।
Breaking- अपने खून की एक एक बूंद बहाने के लिए तैयार… इंदिरा गांधी की राह पर चले जीतू पटवारी रद्दी-कचरे में फेके गए आवेदन
दरअसल, 8 फरवरी को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मानस भवन और पिछोर के शासकीय छत्रसाल स्टेडियम में जनसुनवाई कर लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए जनसुनवाई की थी। यहां जनता ने उन्हें अपनी समस्याओं को लेकर आवेदान दिए थे। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि, दोनों जगहों से मिले आवेदनों को सुरक्षित रखकर इनपर जल्द से जल्द कार्रवाई कर समाधान किया जाए। मंत्री के निर्देश के बावजूद पिछोर में उनके जाते ही सरकारी कर्मचारियों ने जनता के शिकायती आवेदनों को रद्दी में फेंक दिया।
मोहन सरकार की कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर कलेक्टर ने पटवारियों को किया ससपेंड
जिला कलेक्टर ने मामले की जांच करवाई। जांच में 3 पटवारी और सहायकों को दोषी पाया गया। कलेक्टर ने जांच के बाद पांचों अधिकारीयों को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, पिछोर एसडीएम ने पंजीयन काउंटर पर तैनात किए गए पांच शिक्षकों पर भी कार्रवाई करने का प्रस्ताव भेजा है।
इस मामले में प्रशासनिक पक्ष रखते हुए बताया कि आवेदनों को रद्दी में फेंकने की हरकत कुछ शरारती तत्वों द्वारा की गई थी। उन्होंने बताया कि शरारती लोगों ने पंजीयन काउंटर पर रखे स्कैन और फोटो कापी आवेदन को कर्मचारियों से छीना और जनसुनवाई में आई किसी महिला के हाथों कचरे में फेंकवा दिया। इस मामले में भी कलेक्टर ने कहा है कि इन शरारती तत्वों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जल्द कार्रवाई की जाएगी।