यह स्थल लीमा से करीब 200 किलोमीटर उत्तर में और समुद्र तल से लगभग 600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। माना जाता है कि यह शहर 1800 से 1500 ईसा पूर्व के बीच बसाया गया था – ठीक उसी समय जब मध्य पूर्व और एशिया में शुरुआती सभ्यताएं विकसित हो रही थीं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस खोज से अमेरिका की सबसे प्राचीन सभ्यता “कारल” (Caral) के आगे के विकास को समझने में मदद मिलती है। ड्रोन से ली गई तस्वीरों में पहाड़ी पर एक गोलाकार संरचना दिखाई देती है, जिसके चारों ओर पत्थर और मिट्टी से बने भवनों के अवशेष हैं।
करीब आठ वर्षों की खुदाई के दौरान यहां 18 संरचनाएं मिली हैं, जिनमें पूजा स्थलों और आवासीय भवनों के अवशेष शामिल हैं। इन इमारतों में पूजा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं, मिट्टी की मानव और पशु आकृतियां, और समुद्री शंखों व मनकों से बने हार मिले हैं।
पेनीको, उसी क्षेत्र के पास स्थित है जहां करीब 5,000 साल पहले (3000 ईसा पूर्व) अमेरिका की सबसे पुरानी सभ्यता “कारल” की स्थापना हुई थी। कारल में आज भी 32 प्रमुख स्मारक मौजूद हैं, जिनमें बड़े पिरामिड, सिंचित कृषि प्रणाली और शहरी बसावट शामिल हैं। माना जाता है कि कारल सभ्यता ने भारत, मिस्र, सुमेरिया और चीन की अन्य शुरुआती सभ्यताओं से अलग-थलग रहकर विकास किया।
डॉ. रूथ शेडी, जिन्होंने 1990 के दशक में कारल की खुदाई की और अब पेनीको के शोध का नेतृत्व कर रही हैं, कहती हैं कि यह खोज यह समझने में अहम है कि जलवायु परिवर्तन के कारण नष्ट हुई कारल सभ्यता का आगे क्या हुआ।
डॉ. शेडी ने बताया कि पेनीको की बस्ती “एक रणनीतिक स्थान पर थी, जहां से तटीय, पहाड़ी और जंगल क्षेत्रों की सभ्यताओं से संपर्क और व्यापार संभव था।” पेरू के संस्कृति मंत्रालय के पुरातत्वविद मार्को मचाकुए ने बताया कि पेनीको का महत्व इस बात में है कि यह कारल समाज की निरंतरता को दर्शाता है।
गौरतलब है कि पेरू अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों का घर है – जैसे माचू पिच्चू और नाज़्का रेखाएं, जो आज भी रहस्य और इतिहास का अद्भुत संगम हैं।