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शिक्षकों की तबादला नीति का वादा तीन दशक बाद भी अधूरा

1993 से 2025 तक चार बार भाजपा और तीन बार कांग्रेस ने सत्ता संभाली पर तबादला नीति केवल घोषणाओं तक सीमित रही। 2018 में कांग्रेस और 2023 में भाजपा ने इसे अपने चुनावी एजेंडे में शामिल किया, लेकिन परिणाम शून्य ही रहा।

बारांJul 08, 2025 / 12:38 am

mukesh gour

1993 से 2025 तक चार बार भाजपा और तीन बार कांग्रेस ने सत्ता संभाली पर तबादला नीति केवल घोषणाओं तक सीमित रही। 2018 में कांग्रेस और 2023 में भाजपा ने इसे अपने चुनावी एजेंडे में शामिल किया, लेकिन परिणाम शून्य ही रहा।

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नया सत्र शुरू, अवकाश भी खत्म, लेकिन नहीं हुए तबादले

बारां. प्रदेश में गत 33 वर्षों में सात बार सरकारें बदली और शिक्षा विभाग में विभिन्न मंत्रियों ने कार्यभार संभाला, लेकिन शिक्षकों की तबादला नीति आज तक लागू नहीं हो पाई। हर नई सरकार और शिक्षा मंत्री ने इस नीति को प्राथमिकता देने का वादा किया, लेकिन वादे धरातल पर नहीं उतर सके। 1993 से 2025 तक चार बार भाजपा और तीन बार कांग्रेस ने सत्ता संभाली पर तबादला नीति केवल घोषणाओं तक सीमित रही। 2018 में कांग्रेस और 2023 में भाजपा ने इसे अपने चुनावी एजेंडे में शामिल किया, लेकिन परिणाम शून्य ही रहा।

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शिक्षकों को अब तक है बदलाव का इंतजार

शिक्षकों तथा संगठनों का कहना है कि तबादला नीति के अभाव में हजारों शिक्षक अपने गृह जिलों से सैकड़ों किलोमीटर दूर कार्यरत हैं, इससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। महिला शिक्षकों को विशेष रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जो पारिवारिक और शिक्षण की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन नहीं बना पा रहीं। वर्तमान शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने 2024 में नीति को अंतिम रूप देने की बात कही थी, और ग्रीष्मकालीन अवकाश में तबादलों की घोषणा की थी, लेकिन उनके बयान बदलते रहे। अब एक जुलाई से स्कूल खुल जाएंगे पर शिक्षक अभी तक तबादला नीति के इंतजार में हैं।
दोनों सरकारों में दो बार बैन हटा, लेकिन ट्रांसफर नहीं हुए

अगस्त 2022 से जनवरी 2023 तक ङ्क्षप्रसिपल, लेक्चरर, सीनियर टीचर के हुए ट्रांसफर लेकिन थर्ड ग्रेड के नहीं हुए, 15 जनवरी 2023 से तबादलों पर रोक लग गई। भाजपा सरकार ने शिक्षा विभाग को छोड$कर अन्य विभागों के लिए 10 फरवरी से 20 फरवरी 2024 तक और 1 जनवरी 2025 से 10 जनवरी 2025 तक बैन हटाया। लेकिन ग्रेड थर्ड के ट्रांसफर नहीं हुए।
आज तक नीति का ड्राफ्ट तक तैयार नहीं

शिक्षक संघ रेस्टा के प्रदेश उपाध्यक्ष गजराज ङ्क्षसह ने बताया कि सरकारें तीस सालों से तबादला नीति के नाम पर शिक्षकों को प्रताडि़त कर रही है। पारदर्शी नीति तो दूर, आज तक नीति का ड्राफ्ट तक तैयार नहीं हो पाया है। प्रदेश के 65 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में यह समस्या बनी हुई है। अगस्त 2021 में 85 हजार से अधिक शिक्षकों ने शाला दर्पण पोर्टल पर तबादले के लिए आवेदन किया था, लेकिन निर्णय अब तक लंबित है। वर्तमान सरकार ने अपनी सौ दिन की कार्य योजना में तबादलों को शामिल किया था। किन्तु डेढ़ साल सरकार बने हो गए हैं, तृतीय श्रेणी शिक्षकों को करीब पिछले एक दशक से ट्रांसफरों का इंतजार है।
ग्रेड थर्ड में इतने स्कूल व शिक्षक

माध्यमिक शिक्षा
स्कूल 19641
लेवल-1 41369
लेवल-2 45747

प्रारम्भिक शिक्षा
स्कूल 45273
लेवल-1 105876
लेवल-2 51589

शारीरिक शिक्षक 6778

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