पेंशनर्स बोले: सरकारी दावे और जमीनी हकीकत में फर्क राज्य सरकार का दावा है कि एसएसओआईडी से प्रक्रियाएं पारदर्शी और सुगम होंगी, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। पेंशनर्स की मांग है कि या तो एसएसओआईडी की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए, या फिर पेंशनर्स को इससे मुक्त रखा जाए। पेंशनर्स संघ के आरजीएचएस में एसएसओआईडी की अनिवार्यता खत्म करने और आरजीएचएस के तहत दवाएं पुराने तरीके से उपलब्ध करवाई जाएं। समस्या का जल्द कोई समाधान नहीं निकालने पर पेंशनर्स की ओर से आंदोलनात्मक कदम उठाया जाएगा।
अनिवार्यता हटाई जाई सेवाकाल के दौरान तय राशि का हिस्सा देने के बाद आरजीएचएस योजना का लाभ नहीं मिल पाना दुर्भाग्य पूर्ण है। योजना में पारदर्शिता लाने के नाम पर नित नए बदलाव करके पेंशनर्स की मुसीबत बढ़ाई जा रही है। समस्या के बारे में उच्च स्तर पर अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। पेंशनर्स को राहत देने के लिए एसएसओआईडी की अनिवार्यता से हटाने की जरूरत है।
वीरेंद्र माथुर, जिला मंत्री, राजस्थान पेंशनर्स मंच, सीकर