कर्मचारियों की नहीं सुन रही सरकार, अधिकारी कर रहे अधिकारों का दुरुपयोग
51 सूत्रीय मांगों को लेकर संयुक्त कर्मचारी संगठन 7 फरवरी को देगा धरना
शहडोल. सरकार की अनदेखी के चलते कर्मचारी हितों को नुकसान हो रहा है। कर्मचारी संगठन पिछले कई वर्षों से सरकार के समक्ष अपनी जायज मांग रखते चले आ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुन नहीं रही है। प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपने के बाद अब संयुक्त मोर्चा जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन कर 51 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे। इसके बाद भी सरकार अमल नहीं करती तो सभी कर्मचारी संगठन भोपाल में विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह बातें रविवार को मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय महामंत्री ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने बताया कि 7 फरवरी को कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन कर अपनी बात रखी जाएगी।
कर्मचारी सरकार की रीढ़ होते हैं और उसे ही कमजोर किया जा रहा है। संवाद के माध्यम से सरकार कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान निकाले। अनुकंपा नियुक्ति जैसे मामले को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। कर्मचारियों की पदोन्नति प्रारंभ कर पात्रता दिनांक से पदोन्नति प्रदान करने, लिपिकों को मंत्रालय के समान समाय वेतनमान का लाभ, गृह भाड़ा भत्ता, वाहन भत्ता एवं अन्य भत्तों का पुनरीक्षण सातवें वेतनमान में किए जाने, अनुकंपा नियुक्ति में सीपीसीटी की शर्त को विलोपित कर सरलीकरण किए जाने सहित 51 सूत्रीय मांगे शासन के समक्ष रखी गई है। इनमें से कई मांगे ऐसी है जिनका सहजता से समाधान किया जा सकता है। इसके बाद भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है। पत्रकारों से चर्चा के दौरान आरपी सिंह प्रांत प्रमुख महामंत्री शिक्षक कांग्रेस, रवि शुक्ला, रामलाल पाण्डेय, पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रविकरण त्रिपाठी, क्रीड़ा परिसर प्रभारी पुष्पराज सिंह, सुदर्शन मिश्रा के साथ अलग-अलग कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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