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शहीद भगत सिंह डिफेंस एकेडमी के कोच सलीम अली ने राजस्थान पत्रिका के अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इस समय साइबर अपराध सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। एआई तकनीक ने साइबर ठगों को बढ़ावा दिया है। युवा वर्ग सोशल साइटों पर जारी आर्थिक प्रलोभन से बचे। ताकि साइबर फ्रॉड से बचा जा सके।
साइबर फ्रॉड के प्रति रहें सजग
कोच भवानी सिंह ने कहा राजस्थान पत्रिका सामाजिक सरोकार के तहत समय समय पर समाज व पर्यावरण हित में अभियान चलाती रहती है। वर्तमान में साइबर फ्रॉड जटिल समस्या बन रही है। साइबर फ्रॉड के प्रति सजगता बहुत जरूरी है। आमजन को परिवार के सभी सदस्यों की साइबर ठगों से सावधान रहने के बारे में जानकारी देनी चाहिए। ताकि आर्थिक नुकसान से बचा सकता है।
शिक्षा के माध्यम से मिले ज्ञान
युवा गजानंद ने बताया कि शिक्षा में साइबर अपराध का भी एक विषय होना चाहिए। स्कूल कॉलेज स्तर पर बच्चों को शिक्षा के माध्यम से साइबर अपराध से होने वाले नुकसान व बचाव का ज्ञान मिल सके। राजस्थान पत्रिका की पहल स्वागत योग्य है। सरकार को भी आमजन को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए। यह भी पढ़े…
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युवा रफीक ने बताया कि वर्तमान में युवा वर्ग स्मार्टफोन का इस्तेमाल अधिक कर रहे हैं। सोशल साइटों पर साइबर ठग गिरोह सक्रिय रहकर युवाओं को विभिन्न स्कीमों के माध्यम से आकर्षित करते हैं। युवा वर्ग सोशल साइटों का कम से कम इस्तेमाल करें। ताकि मानसिक व आर्थिक नुकसान से बचा जा सके। वही,छात्र विनोद कुमार ने राजस्थान पत्रिका की मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान में साइबर अपराध का समाज के लिए खतरा बन रहा है। बड़ों से लेकर बच्चों तक साइबर अपराध की गिरफ्त में आ रहे हैं। इसके लिए जागरूकता ही बचाव है। समाज व राज्य सरकार को इसके लिए आगे आने की जरूरत है।
सख्त सजा का हो प्रावधान
छात्र मांगीलाल बिश्नोई ने कहा कि आधुनिक युग में अपराध का स्वरूप बदल गया है। पूर्व में अपराधिक घटनाओं में जान जाती थी, लेकिन वर्तमान में साइबर फ्रॉड से आमजन को मानसिक व आर्थिक नुकसान पहुंचाया जाता है। कई बार तो आर्थिक नुकसान होने की स्थिति में पीडित व्यक्ति तो गलत कदम तक उठा लेता है। साइबर फ्रॉड मामलों में दोषियों को सख्त सजा होने का प्रावधान होना चाहिए। वही,युवा सुरेश कुमार ने बताया कि वर्तमान लेन देन का कार्य ऑनलाइन के तहत हो रहा है। ऑनलाइन खरीददारी का प्रचलन भी समय के साथ साथ बढ़ रहा है। विभिन्न कम्पनियों की आड़ में साइबर ठग सक्रियता से कार्य करते हुए आमजन को ऑनलाइन शॉपिंग में चूना लगा रहे हैं। इसके लिए ऑनलाइन लेन देने में सावधानी बरतने की जरूरत है।
ओटीपी के बारे में ना बताए
युवा रामकृष्ण ने बताया कि साइबर ठग स्मार्टफोन के माध्यम से आमजन तक पहुंचता है। विभिन्न स्कीमों का हवाला देते हुए ओटीपी नम्बर पूछकर चंद मिनटों में ही बैंक खाता खाली कर देता है। ऐसी स्थिति में संबंधित पुलिस थाना की मदद लेनी चाहिए। अनचान लोगों को कभी भी ओटीपी नम्बर नहीं बताना चाहिए। वही,युवा भरत कुमार ने बताया कि देश में साइबर अपराध के केस सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं।साइबर ठगी से बचने के लिए एप डाउनलोड करने में सावधानी बहुत जरूरी है। साइबर ठग बैंक अकाउंट हैंक करते है तथा आमजन की जमा पूंजी को भी खाली कर देते हैं। आर्थिक नुकसान से बचने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल सही ढंग से किया जाना चाहिए।