जतारा के सतगुवां गांव के रहने वाले प्रहलाद यादव स्काई राज यादव के नाम से अपना यू-ट््यूब चैनल चलाते हैं। इस पर वह बुंदेली गीतों पर वीडियो बनाते हैं। प्रहलाद का फैमिली बैकग्राउंड खेती किसानी का है, लेकिन उन्हें बचपन से फिल्मों से लगाव था। ऐसे में वह अपनी किस्मत आजमाने माया नगरी मुंबई गए थे और वहां पर कई ऑडिशन भी दिए, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बीच कोरोना फैल जाने पर वह अपने गांव वापस आ गए। यहां पर खाली समय में उन्होंने मोबाइल से अपने वीडियो शूट करने शुरू कर दिए और अपने दोस्तों के साथ ही रिश्तेदारों को भेजे। इन सभी से अच्छा रिस्पांस मिलने पर इन्होंने यह वीडियो यू-ट््यूब पर अपलोड करने शुरू कर दिए तो वहां पर भी खूब सराहा गया। प्रहलाद बताते है कि कोरोना में ही उनके एक लाख सब्सक्राइबर हो जाने पर 2022 में उन्हें सिल्वर प्ले बटन मिला था और 10 लाख होने पर गोल्डन प्ले बटन मिला है। वह बताते हैं अब इससे अच्छी आमदानी होने लगी है और हर माह दो से ढाई लाख रुपए कमा रहे हैं।
यह पूरा रुपया इनकी पांच सदस्यों की टीम में बांटा जाता है। साथ ही अब 20 लाख रुपए से अधिक के कैमरें, ड्रोन इनकी यूनिट में शामिल हो गए हैं। बुंदेली की अलग मिठास है
प्रहलाद कहते हैं कि भले ही उन्हें मुंबई रास नहीं आई, लेकिन यू-ट््यूब पर बुंदेलखंड के लोगों ने उन्हें जरूर हीरो बना दिया है। ऐसे में अब उनकी इच्छा है कि बुंदेली को उसके मूल स्वरूप और मिठास के साथ पूरी दुनिया के सामने लाया जाए। उनका कहना था कि पिछले समय में कुछ लोगों ने इसे फूहड़ता की श्रेणी में डाल दिया है, जबकि बुंदेली को ब्रज भाषा की बहन कहा जाता है। ऐसे में प्रयास है कि यह अपने वास्तविक स्वरूप में लोगों तक पहुंचे।