मौसम का यह बदलाव फसलों के लिए नुकसान देने वाला बताया जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो इन दिनों फसलों के लिए खेतों में नमी की जरूरत होती है। इसके लिए सर्दी के साथ ही ओस गिरना जरूरी है, लेकिन इस बाद तापमान में लगातार अपने उच्च स्तर पर चल रहा है।
पिछले सात दिनों से जिले का अधिकतम तापमान लगातार 27 डिग्री के ऊपर बना हुआ है। वहीं शुक्रवार को रात का न्यूनतम तापमान भी 11.7 डिग्री रिकार्ड किया गया। ऐसे में किसान भी परेशान है। किसानों को अपने खेतों में अधिक पानी की जरूरत महसूस हो रही है। कृषि महाविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक दीपक कोर्डे ने बताया कि पश्चिमी हवाओं के कारण मौसम में यह बदलाव दिखाई दे रहा है।
सब्जियों पर भी असर इस बार मौसम के अनुरूप सर्दी न पडऩे से लोगों को अभी से बसंत जैसा महसूस होने लगा है। कोहरा और पाला न होने से सब्जियों की आवक भी जोरों से हो रही है। ऐसे में किसानों को उनकी उपज का सही दाम भी नहीं मिल रहा है। इस समय टमाटर 10 रुपए में सवा किलो तो आलू 20 का सवा किलो मिल रहा है। किसान की मटर आते ही उसकी कीमत भी जमीन पर आ गई है और यह 25 से 30 रुपए किलो मिल रही है। हरी धनिया और विभिन्न भाजियों की कीमत तो सबसे निचले स्तर पर चली गई है। हरी धनिया 10 रुपए की पाव और भाजी भी १० रुपए किलो मिल रही है। ऐसे में किसान भी परेशान है। आढ़त पर तो किसानों को और भी रेट नहीं मिल रहे है।