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टीकमगढ़

तहसीलदार का निरस्ती आदेश किया दरकिनार, फर्जी आदेश पर कर दी जमीन की तरमीम

तहसील में लंबे समय से चल रही यह लापरवाही और बदमाशी न केवल आमजन को परेशान कर रही है, बल्कि इससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे है। एक अधिकारी के नियमनुसार आदेश का पालन न करते हुए फर्जी आदेश पर जमीनों के नामांतर, बंटवारे और तरमीम के मामले अधिकारियों की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े कर रहे हंै।

टीकमगढ़Dec 19, 2024 / 06:07 pm

Pramod Gour

तहसील में हो रहा फर्जीवाडा़, एक और फर्जी आदेश आया सामने

टीकमगढ़. तहसील में पदस्थ लिपिकों की मिलीभगत से जमीनों में जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। यहां पर एक ही क्रमांक पर तरमीम के दो आदेश जारी होने का मामला सामने आया है। इसमें तहसीलदार द्वारा निरस्त किए गए आदेश को दरकिनार करते हुए फर्जी आदेश पर जमीन की तरमीम कर दी गई है। मामला सामने आने के बाद अब संबंधितों को नोटिस जारी कर जांच की जा रही है।
पिछले कुछ समय से तहसील में जमकर फर्जी आदेश बनाए जा रहे है। फर्जी आदेश बनाने वाले लिपिक न तो अपने अधिकारियों से डर रहे है और न ही कानून का भय दिख रहा है। फर्जी आदेश के आधार पर जमीनों के नामांतरण के साथ ही बंटवारे और तरमीम की जा रही है। इसके बाद पक्षकार इसे दुरूस्त कराने के लिए तहसीलों के चक्कर काट रहे है। ऐसा ही एक मामला और सामने आया है। इसमें आलमपुरा निवासी तीजा कुशवाहा ने तरमीम करने का आवेदन तत्कालीन तहसीलदार गोङ्क्षवद ङ्क्षसह के समक्ष पेश किया गया था। इसकी जांच के बाद तहसीलदार ने आदेश क्रमांक 0129/अ-3/2023-14 दिनांक 29 जनवरी 2024 जारी कर बटांकन के दस्तावेज एवं साक्ष्य प्रस्तुत न करने के कारण इसे निरस्त कर दिया गया था।
वहीं इसी आदेश क्रमांक पर रिकार्ड में जमीन की तरमीम कर उसे लाल स्याही से अंकित भी कर दिया गया। दूसरे पक्ष को जब इसकी जानकारी हुई तो उसने इसकी शिकायत की है। वहीं तरमीम स्वीकृति का यह आदेश फाइल से गायब कर दिया है।
ऐसे ही कर दिया था नामांतरण

इसी प्रकार शहर की एक जमीन के नामांतरण के मामले में भी दो आदेश सामने आए थे। खसरा नंबर 1041, 1091 एवं 1107 का नामांतरण के आदेश को तहसीलदार द्वारा 29 नवंबर 2023 को आदेश क्रमांक/ 1863/अ-6/2023-24 जारी कर निरस्त कर दिया गया था और बाद में इसी आदेश क्रमांक से फर्जी आदेश बनाकर नामांतरण कर दिया गया था।
लोग हो रहे परेशान

विदित हो कि तहसील में नामांतरण, बंटवारा, तरमीम के लगभग 25 से 30 आवेदन आते है। ऐसे में एक माह में तहसील में अनुमान के मुताबिक 700 से 1 हजार मामले पहुंचते है। लोगों की माने तो नामांतरण को लेकर तो यहां पर खुले खेल चलता है। पटवारी से लेकर लिपिक तक आवेदकों को नियमों का हवाला देकर गुमराह करते है। वर्तमान में तहसील में 300 से 450 के लगभग प्रकरण लंबित बताए जा रहे है।
पत्रिका व्यू:

प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

तहसील में लंबे समय से चल रही यह लापरवाही और बदमाशी न केवल आमजन को परेशान कर रही है, बल्कि इससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे है। एक अधिकारी के नियमनुसार आदेश का पालन न करते हुए फर्जी आदेश पर जमीनों के नामांतर, बंटवारे और तरमीम के मामले अधिकारियों की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े कर रहे हंै। लोग समझ नहीं पा हरे हंै कि आखिर यह हो क्या रहा है। यहां पर अधिकारियों के आदेश को कोई तबज्जो ही लोगों को समझ में नहीं आ रही है। वहीं मामले सामने आने के बाद जांच के नाम पर उन्हें दबाने का प्रयास इसे और भी गंभीर बना रहा है। लोगों का प्रशासन पर विश्वास बना रहे, इसके लिए प्रशासन को ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर कार्रवाई करते हुए जनता के बीच संदेश देना होगा।
&इस मामले में शिकायत आई है। संबंधित पटवारी ने अपना प्रतिवेदन दे दिया है। मामले की पूरी जांच की जा रही है। दो दिन के अंदर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।

– कुलदीप ङ्क्षसह ठाकुर, तहसीलदार, टीकमगढ़।

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