दरअसल जिले में पदस्थ स्टोर कीपर बृजेंद्र ङ्क्षसह का 10 जुलाई 2021 को पन्ना जिले के लिए स्थानांतरण किया गया था। इस पर तत्कालीन सीएमएचओ ने 26 जुलाई को इन्हें रिलीव कर दिया था। रिलीव होने के बाद बृजेंद्र ङ्क्षसह ने पन्ना जॉइन नहीं किया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने 1 मार्च 2021 को इनका स्थानांतरण फिर से पन्ना से टीकमगढ़ के लिए कर दिया। इस आदेश पर बृजेंद्र ङ्क्षसह ज्वाइन करने के लिए पहुंचे तो तत्कालीन सीएमएचओं ने उनसे पन्ना जिले से भारमुक्त किए जाने का पत्र सौंपा, जो वह नहीं दे सके। इस पर सीएमएचओ ने इसके लिए संयुक्त संचालक से अभिमत मांगा। इस पर संयुक्त संचालक ने नियमानुसार कार्रवाई करने की टीप के साथ सीएमएचओ को पत्र वापस कर दिया।
की गई छेडख़ानी बताया जा रहा है कि इस पत्र में सीएमएचओ कार्यालय के किसी लिपिक ने छेडख़ानी की गई है। इस पत्र पर अंग्रेजी में सीएमएचओ टीकमगढ़ लेख करने के साथ ही ङ्क्षहदी में ओवर राइङ्क्षटग कर उपस्थित कराना सुनिश्चित करना लिखा गया है। यह पत्र उस समय पकड़ में आया जब इनके पन्ना से टीकमगढ़ स्थानांतरित होने के चार साल का वेतन भुगतान के लिए संयुक्त संचालक से अनुमति के लिए विभाग द्वारा पत्र लिखा गया था। इस पत्र के साथ संयुक्त संचालक के पत्र से छेडख़ानी करने वाला पत्र वहां पकड़ में आने पर संयुक्त संचालक ने इसकी जांच कर दोषी कर्मचारी का पता लगाने के लिए सीएमएचओ को पत्र लिखा।
इस संबंध में जेडी के यहां से तीन पत्र जारी किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक किसी में भी इसकी जानकारी नहीं भेजी गई है। सीएमएचओ इस मामले में वापस जेडी को पत्र लिख रहे हैं।
और भी हैं मामले बताया जा रहा है कि विभाग में इस प्रकार के और भी मामले हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी इन्हें छेडऩे का साहस नहीं कर रहा है। बताया जा रहा है कि यहां के कुछ कर्मचारी पूरे सिस्टम पर हावी बने हुए हैं। इनके द्वारा कुछ आउटसोर्स कंपनियों का भी संचालन किया गया है और जमकर लापरवाही की गई है। इस संबंध में संयुक्त संचालक से बात नहीं हो सकी है।
इनका कहना है &स्थानांतरण और वेतन निकासी का अधिकार वरिष्ठ अधिकारियों को है। यह पत्र कैसे आया, कहां से आया है इसकी जांच वरिष्ठ कार्यालय से होनी चाहिए। इस मामले में अभिमत सहित पत्र भेजा जा चुका है।
– शोभाराम रोशन, सीएमएचओ, टीकमगढ़।