Operation Sindoor: आपदा प्रबंधन मजबूत करने की कवायद, राजस्थान के इन 13 जिलों में तैयार होंगे 12650 आपदा मित्र
Operation Sindoor: देश के 360 संवेदनशील जिले चिह्नित किए गए, जिनमें एक लाख आपदा मित्र तैयार किए जाएंगे। आपदा मित्रों को विकट हालातों का मुकाबला करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उदयपुर। पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के लिए चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देश में आपदा प्रबंधन और सिविल डिफेंस को मजबूत करने की आवश्यकता महसूस हुई थी। इस कमी को अब पूरा करेंगे आपदा मित्र। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और नेहरू युवा केन्द्र ने आपदा मित्र योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण देने की तैयारी की है।
इसके तहत देश के 360 संवेदनशील जिले चिह्नित किए गए, जिनमें एक लाख आपदा मित्र तैयार किए जाएंगे। आपदा मित्रों को विकट हालातों का मुकाबला करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें राजस्थान के 13 जिले भी शामिल हैं, जिनमें 12 हजार से ज्यादा युवाओं को आपदा मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। एनसीसी, स्काउट इत्यादि को प्राथमिकता दी जाएगी। यही आपदा मित्र युद्ध के हालात, बाढ़, भूकंप, चक्रवात, भूस्खलन इत्यादि में लोगों की जान-माल की सुरक्षा करने में मददगार बन सकेंगे।
सिविल डिफेंस का युवाओं से आह्वान
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सिविल डिफेंस भी सक्रिय हुआ है। सिविल डिफेंस ने आम नागरिकों को जुड़ने का आह्वान किया है। केन्द्र सरकार के मॉय भारत पोर्टल पर पंजीकरण शुरू किया गया है। इसमें एनसीसी, स्काउट, रिटायर्ड सैनिकों को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे नागरिकों को बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के हर जिले को टारगेट भी दिया गया है। उदयपुर जिले में 300 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
इजराइल की तरह बुनियादी प्रशिक्षण अनिवार्य
भविष्य की चुनौतियों के लिहाज से अब देश में यह भी मांग उठ रही है कि प्रत्येक नागरिक के लिए बुनियादी प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर इजराइल में प्रत्येक नागरिक के लिए एक निश्चित अवधि तक सैन्य सेवा आवश्यक है। इस कारण इजराइल का प्रत्येक नागरिक हर समय प्रत्येक चुनौती से खुद-ब-खुद निपटने के लिए तैयार रहता है।
आपदा प्रबंधन अब एक सरकारी काम नहीं है, बल्कि सबका प्रयास है। इसी उद्देश्य को लेकर हजारों स्वयंसेवक तैयार करना है जो आपदा के दौरान जोखिम को कम से कम कर सके। पीड़ितों की सहायता कर सके और सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर लोगों को बचाएं। इसके लिए 18 से 40 साल की उम्र के युवा आपदा मित्र बन सकेंगे। शारीरिक और मानसिक रूप से तंदुरस्त और कम से कम 7वीं तक पढ़े-लिखे युवाओं को जोड़ा जा रहा है। इसमें 50 प्रतिशत महिलाओं को स्वयंसेवक के रूप में तैयार किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद युवाओं को आपदा के दौरान काम आने वाले आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा। संबंधित जिलों के नेहरू युवा केन्द्रों में आपदा मित्र योजना के लिए पंजीकरण किया जा रहा है।