पारित आदेश में कंपनी कैडर के नियमित कार्यपालन अभियंता की 1 जनवरी 2020 की वरिष्ठता सूची का कोई ध्यान नहीं रखा गया है जो कि कंपनी की प्रशासनिक व्यवस्था के नाम पर और तथाकथित लोगों द्वारा हाइकोर्ट में विचाराधीन केस का हवाला देकर नियमित, पात्र एवं योग्य कार्यपालन अभियंताओं के साथ घोर अन्याय है। इस संबंध में क्षेत्रीय अध्यक्ष गणेश अहिरवार ने बताया वर्ष 2014 में आदेश 29 दिसंबंर 2014 द्वारा मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के आरक्षित वर्ग के सहायक अभियंताओं को पदोन्नति पर कार्यपालन अभियंता के पद पर पदस्थ किया गया था। वे सभी कार्यपालन अभियंता अपनी 11 वर्ष की सेवाएं पूर्ण कर चुके हैं एवं मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा नियुक्त अभियंताओं में वरिष्ठतम है। इसके बाद वर्ष 2015 में आदेश द्वारा मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के आरक्षित वर्ग के 26 सहायक अभियंताओं को कार्यपालन अभियंता के पद पर पदोन्नत किया गया था जो आज दिनांक तक कार्यपालन अभियंता के पद पर 10 वर्ष की सेवाएं पूर्ण कर चुके हैं। बताया गया कि कंपनी के निर्धारित नियमों के अनुसार कार्यपालन अभियंता से अधीक्षण अभियंता के पद पर पदस्थापना/पदोन्नति के लिए 5 वर्ष की सेवाएं आवश्यक है एवं वरिष्ठता सूची के अनुसार निर्धारण किया जाना चाहिए परंतु संदर्भित आदेश में इन सभी नियमों की अवहेलना की गई है जिससे वरिष्ठ कार्यपालन अभियंताओं के साथ अन्याय हो रहा है।
आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द करके नियमित कार्यपालन अभियंताओं की दिनांक 1 जनवरी 2020 की ग्रेडेशन लिस्ट के अनुसार कार्यपालन अभियंता से अधीक्षण अभियंता के करंट चार्ज के संशोधित आदेश पारित किया जाए। समस्या का समाधान न होने पर संघ, हाई कोर्ट, अनुसचित जाति, अनुसूचित जनजाति आयोग की शरण लेने के लिए बाध्य होगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधन की होगी। ज्ञापन देते समय सुरजन सिंह, सुनील भोयर, गणेश अहिरवार, जेजी बनसोड़, धर्मराज बघेल सहित संगठन के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।