आकाशकोट ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना के अंतर्गत यह कार्य कंपनी को मई 2023 में दिया गया था। योजना में कुल 108 ग्राम शामिल किए गए थे। इस योजना की अनुबंध लागत 136.49 करोड रूपये की थी। योजना के पूर्ण होने की समयसीमा 31 मार्च 2026 निर्धारित की गई है।
सरकारी कागजों में कार्य की वर्तमान भौतिक प्रगति 41.60 प्रतिशत बताई जा रही है । साथ ही कार्य की वित्तीय प्रगति 36.16 प्रतिशत बताई गई है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि पूरी योजना सिर्फ कागजों पर ही है। आकाशकोट के लगभग 108 ग्रामों के लोग आज भी गंदा व बदबूदार पानी पीने के लिए भी जद़्दोजहद कर रहे हैं। कई किलोमीटर पैदल चलकर ग्रामीणजन पोखरों और बावडियों से सिर पर बर्तन रख पानी ढोने को मजबूर हंै। इन्हीं कारणों से गांव के लोगों को कई प्रकार की बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
आज भी अधूरी है परियोजना
आकाशकोट में ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना आज भी अधूरी पडी हुई है। जबकि इस योजना को दो वर्ष में पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अपनी कमजोरी छुपाने के लिए एक्सटेंशन का बहाना कर एक वर्ष की अवधि और बढ़ा ली गई है। जमीनी हकीकत यह है कि आकाशकोट के किसी भी गांव में पीने का पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जानकारी में होने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल रहा है।
इनका कहना
2023 मे शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट की समय सीमा समाप्त हो गई है और जंगल विभाग की एन ओ सी अभी तक नहीं मिली है। इसे एक्सटेंशन के लिए लिखा गया है। 2026 तक प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा।
पलक जैन, जल निगम महाप्रबंधक