उत्तर प्रदेश के उन्नाव में माखी रेप कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पीड़िता उनके परिजनों, गवाहों और वकील को सीआरपीएफ सुरक्षा मिली थी। केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ सुरक्षा हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। यह याचिका 2019 में दायर की गई थी। केंद्र सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता कि इस दलील को जिसमें उन्होंने कहा था कि मुकदमे का निर्णय हो चुका है आरोपी प्रदोष सिद्ध है ऐसे में सीआरपीएफ सुरक्षा की अब कोई जरूरत नहीं रह गई है।
खतरा होने पर स्थानीय पुलिस से मदद ले
सुनवाई के दौरान अदालत ने माना कि दोष सिद्ध हो चुका है। जरूरत के समय सभी को सुरक्षा दी गई थी। लेकिन अब यह सुरक्षा जारी नहीं रहनी चाहिए। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि अगले आदेश तक पीड़िता की सुरक्षा को बनाए रखा जाए। यदि परिवार के सदस्य या गवाह किसी प्रकार का खतरा महसूस करते हैं तो स्थानीय पुलिस से मदद ले सकते हैं।