scriptMouni Amavasya 2025: अखाड़ों के संतों का 10 घंटे का अमृत स्नान, महानिर्वाणी अखाड़े से होगी भव्य शुरुआत | Mouni Amavasya 2025: Over 10 Hours of Amrit Snan by Akhadas, Mahamandaleshwar Saints to Lead  Ritual   | Patrika News
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Mouni Amavasya 2025: अखाड़ों के संतों का 10 घंटे का अमृत स्नान, महानिर्वाणी अखाड़े से होगी भव्य शुरुआत

Mouni Amavasya  Amrit Snan:  प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर अखाड़ों के संत और नागा संन्यासी 10 घंटे से अधिक समय तक अमृत स्नान करेंगे। सुबह 6:15 बजे महानिर्वाणी और शंभू पंचायती अखाड़ा के संत स्नान की शुरुआत करेंगे, जो दोपहर 4:20 बजे निर्मल अखाड़ा के स्नान के साथ समाप्त होगा। सुरक्षा और व्यवस्थाओं के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

प्रयागराजJan 28, 2025 / 10:20 pm

Ritesh Singh

8-10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना

8-10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना

Mouni Amavasya: मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर बुधवार को संगम नगरी में अखाड़ों के संत और नागा संन्यासी 10 घंटे से अधिक समय तक अमृत स्नान करेंगे। सबसे पहले महानिर्वाणी और शंभू पंचायती अटल अखाड़े के संत सुबह 6:15 बजे स्नान करेंगे। यह क्रम दिन में 4:20 बजे तक चलेगा, जब निर्मल अखाड़े के संत स्नान करेंगे। इस भव्य आयोजन के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं, ताकि श्रद्धालुओं और संतों के स्नान में किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न हो।
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अखाड़ों का स्नान कार्यक्रम

अखाड़ों का समयबद्ध स्नान: परंपरा और अनुशासन: मौनी अमावस्या पर अखाड़ों के स्नान के लिए समय सारिणी तय की गई है। नीचे तालिका में अखाड़ों के स्नान का समय और उनका क्रम दिया गया है:
Mouni Amavasya

स्नान के लिए विशेष तैयारियां: श्रद्धालुओं और संतों के लिए व्यवस्थाएं

  • बैरिकेडिंग की मजबूती
  • अखाड़ा मार्ग पर मजबूत बैरिकेडिंग की गई है।
  • बैरिकेडिंग में जाली भी लगाई गई है, ताकि श्रद्धालु अंदर न घुस सकें।
  • मकर संक्रांति पर हुए अमृत स्नान के दौरान बैरिकेडिंग टूटने और श्रद्धालुओं के अखाड़ा मार्ग में घुसने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए इस बार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
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घाट का विस्तार

अखाड़ों के स्नान घाट को यमुना नदी की तरफ बढ़ाया गया है। घाट पर अतिरिक्त बैरिकेडिंग लगाई गई है, जिससे संतों और श्रद्धालुओं के बीच सुरक्षित दूरी सुनिश्चित हो।

  • अमृत स्नान की सुरक्षा और निगरानी
  • स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।
  • घाटों पर सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है।
  • मौनी अमावस्या का महत्व और अखाड़ों की भूमिका
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक पवित्र पर्व है। इसे आत्मनिरीक्षण और ध्यान का दिन माना जाता है। इस दिन संगम में स्नान का विशेष महत्व है, जो पापों के नाश और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
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अखाड़ों की पवित्रता और परंपरा
अखाड़ों के संत और नागा संन्यासियों का स्नान इस पर्व का मुख्य आकर्षण होता है। अमृत स्नान की परंपरा में अखाड़े अपने अनुशासन और धार्मिक विधियों का पालन करते हुए संगम में डुबकी लगाते हैं।
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गंगा और यमुना का पवित्र संगम: श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र
संगम पर मौनी अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालु स्नान के लिए उमड़ते हैं। इस बार प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु स्नान करेंगे।
  • स्नान के दौरान प्रशासनिक तैयारियां
  • भीड़ प्रबंधनलाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला क्षेत्र में 24 घंटे पुलिस की गश्त।
  • भीड़ प्रबंधन के लिए स्वयंसेवकों और एनडीआरएफ की टीमों की तैनाती।
Mouni Amavasya Amrit Snan
  • यातायात नियंत्रण
  • वाहनों के प्रवेश और निकास के लिए अलग रूट निर्धारित।
  • मेले के प्रमुख स्थानों पर पार्किंग की सुविधा।

#Mahakumbh2025 में अब तक

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