वाराणसी और गाजियाबाद में एक साथ छापेमारी की
सीबीआई ने लखनऊ, वाराणसी और गाजियाबाद में एक साथ छापेमारी की। लखनऊ में 4, वाराणसी में 6 और गाजियाबाद में 1 जगह पर तलाशी ली गई। इस दौरान करीब 5 लाख रुपये नकद, कई अहम दस्तावेज और रेलवे से जुड़ी आपत्तिजनक जानकारियां बरामद हुईं। भदोही में गति शक्ति परियोजना के तहत ठेकेदारों के फर्जी बिल पास करने का मामला सामने आया था। इसी मामले की जांच के दौरान ये कार्रवाई की गई है।
ठेकेदारों से रिश्वत लेकर फर्जी बिल पास करने का आरोप
सीबीआई ने उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के 6 अधिकारियों और एक निजी कंपनी के दो कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया। गिरफ्तार किए गए लोगों में लखनऊ के डिप्टी सीईएन विवेक कुशवाहा, वाराणसी के सीनियर डीईएन राकेश रंजन, ओएस मनीष कुमार, एसएसई अभिषेक गुप्ता, अकाउंट्स ऑफिसर योगेश गुप्ता और वरिष्ठ लिपिक सुशील राय शामिल हैं। इन पर ठेकेदारों से रिश्वत लेकर फर्जी बिल पास करने का आरोप है।
शिकायत के बाद 7 टीमें बनाकर कार्रवाई शुरू की
लखनऊ में डिप्टी सीईएन विवेक कुशवाहा से 7 लाख रुपये और उत्तर रेलवे के गति शक्ति इकाई के उप मुख्य अभियंता से 2.50 लाख रुपये बरामद किए गए। एक अन्य अधिकारी, सहायक एक्सईएन, से 2.75 लाख रुपये लिए गए, लेकिन वह फरार है। इसके अलावा, निजी कंपनी मेसर्स टैंगेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के दो कर्मचारी, प्रवीण कुमार सिंह और जिमी सिंह, भी गिरफ्तार किए गए। सीबीआई के डिप्टी एसपी सुनील दत्त ने बताया कि भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद 7 टीमें बनाकर कार्रवाई शुरू की गई।आरोपों की जांच के दौरान भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत मिले। सभी आरोपियों को लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। सीबीआई ने इस मामले में अन्य संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी है।