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डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने किया कुल सवा सात लाख अवैध प्रवासी भारतीयों को देश से निकालने का फैसला

Illegal immigration deportation: अमेरिका ने अवैध भारतीय प्रवासियों को अपने देश से निकालने की मुहिम तेज कर दी है, जिसमें लगभग 7.25 लाख भारतीय प्रभावित हो सकते हैं।

भारतFeb 06, 2025 / 05:30 pm

M I Zahir

Trump and immigrants

Trump and immigrants

Illegal immigration deportation: डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) दुबारा अमेरिकी प्रेसीडेंट बनते ही एकदम एक्शन मोड में आ गए हैं। उनकी मंशा के अनुरूप अमेरिका ने अवैध प्रवासियों (illegal immigration) के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप सरकार की सूची के अनुसार कुल सवा सात लाख अवैध प्रवासी भारतीयों को देश से निकालने का संकेत मिला है, जिसके तहत कथित तौर पर अवैध प्रवासी समझे जाने वाले भारतीयों को निर्वासित (deportation) किया जा रहा है। अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा, “अमेरिका अपना आव्रजन कानून सख्त कर रहा है और अवैध प्रवासियों को अपने देश से हटा रहा है।” इससे अमेरिका और भारत के रिश्तों (US-India relations) पर भी असर पड़ रहा है।

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का सख्त रुख

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में कड़ी आव्रजन नीतियों के अपने अभियान का अपना वादा निभाना शुरू कर दिया है। ट्रंप प्रशासन ने सीमा सुरक्षा मजबूत करने और निर्वासन में तेजी लाने के लिए कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं। उसने अमेरिकी सैन्य विमान का इस्तेमाल करते हुए निर्वासित भारतीय प्रवासियों को वापस भारत पहुँचाया है, जो उनकी नीयत और नीति दर्शाता है।

सामूहिक निर्वासन पर भारत की प्रतिक्रिया

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने अवैध प्रवासन को जिम्मेदारी से संभालने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए इस मुद्दे को स्वीकार किया है। ध्यान रहे कि 27 जनवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के बाद,ट्रंप ने विश्वास जताया कि भारत प्रत्यावर्तन प्रक्रिया सुविधाजनक बनाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम उन्हें वापस ले लेंगे, बशर्ते दस्तावेज़ हमारे साथ शेयर किए जाएं ताकि हम उनकी राष्ट्रीयता सत्यापित कर सकें।” हालाँकि, उन्होंने आगाह किया कि यह स्पष्ट नहीं है कि वर्तमान में कितने भारतीय अमेरिका में अवैध रूप से रहते हैं।

भारतीय नागरिकों के भविष्य के बारे में भी चिंता

हजारों भारतीय प्रवासियों के अमेरिका से बड़े पैमाने पर निर्वासन से उनका जीवन अंधकारमय हो रहा है, जिनमें से कई लोग अमेरिका में बेहतर आर्थिक अवसरों की तलाश में थे। यूएस की इस कार्रवाई ने अस्थायी वीज़ा या स्थायी निवास करने वाले भारतीय नागरिकों के भविष्य के बारे में भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। वाशिंगटन जैसे-जैसे अपनी नीतियां सख्त कर रहा है, वैसे-वैसे रोजगार और नागरिकता के कानूनी रास्ते और भी अधिक प्रतिबंधात्मक हो सकते हैं। ये कदम अमेरिकी आव्रजन नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देते हैं, जो अनधिकृत प्रवासन के प्रति सख्त रुख बताते हैं। अमेरिकी सरकार की ये कार्रवाइयां इस देश में गैर कानूनी रूप से प्रवेश करने के बारे सोचने वाले व्यक्तियों के लिए एक चेतावनी है। एक अमेरिकी अधिकारी ने जोर देकर कहा, “ये कार्रवाइयां एक स्पष्ट संदेश हैं: यूएस में अवैध रूप से रहना खतरनाक है।”

निर्वासित लोगों के भाग्य के बारे में चिंता व्यक्त

उधर संसद सदस्य (राज्यसभा) और बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने दावा किया है कि अमेरिका 7.25 लाख भारतीय नागरिकों को निर्वासित कर रहा है। उन्होंने उन निर्वासित लोगों के भविष्य के बारे में चिंता व्यक्त की, जो वर्षों से अमेरिका में रह रहे थे।

अमेरिका में अच्छा कमाते हैं , भारत में कुछ नहीं बचा

“मैंने संसद में विदेश मंत्रालय की बैठक में भाग लिया तो वहां मुझे पता चला कि अमेरिका सवा सात लाख भारतीयों को अवैध बताकर वापस भेज रहा है। ये लाखों लोग बरसों से वहां रह रहे है। वे अमेरिका में अच्छा कमाते हैं , भारत में कुछ नहीं बचा है। यहाँ आकर वे क्या करेंगे? वे अचानक अमीर से गरीब हो गए हैं।” एक्स पर कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला की पोस्ट पढ़ी गई।बहरहाल यूएस से अवैध प्रवासियों के निर्वासन का सिलसिला जारी है और भारत को अवैध प्रवासन के व्यापक मुद्दे के मद्देनजर निर्वासित लोगों को फिर से एकीकृत करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। वहीं आव्रजन नीतियां लगातार सख्त होने के साथ अमेरिकी कार्रवाई का पूरी दुनिया पर असर दिख रहा है।

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