चावल की खेप मोंगला और चटगांव बंदरगाह पहुंची
रिपोर्ट के अनुसार, इस समझौते के तहत पहली खेप 20 जनवरी को पहुंची, जब वियतनाम के ध्वज वाले जहाज, एमवी पुथन-36 ने 5,700 टन चावल लेकर मोंगला बंदरगाह पर दस्तक दी। मोंगला खाद्य नियंत्रक कार्यालय के अनुसार, चावल की पूरी खेप का 40% मोंगला बंदरगाह पर और बाकी 60% चटगांव बंदरगाह पहुंची। मोंगला खाद्य नियंत्रक कार्यालय के अनुसार, बांग्लादेश को एक समझौते के तहत भारत से 300,000 टन चावल प्राप्त होगा, जिसमें से 40% मोंगला बंदरगाह पर और शेष चटगांव बंदरगाह पर उतारा जाएगा।
बांग्लादेश के आर्थिक हालात (Bangladesh economy)
बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था _हाल के वर्षों में काफी तेजी से विकसित हुई है,लेकिन कुछ आर्थिक चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों में अच्छी वृद्धि दर दर्ज कर रही है। 2023 में भी देश ने करीब 6-7% की वृद्धि दर्ज की, जो एशिया के अन्य देशों से बेहतर है। देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वस्त्र उत्पादक और निर्यातक है। यह उद्योग देश की आर्थिक गतिविधियों का लगभग 80% योगदान करता है, जिससे बांगलादेश को बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। बांग्लादेश में महंगाई एक बड़ी चिंता का विषय है। खाद्य पदार्थों और ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि ने आम जनता की आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया है। इधर बांगलादेश का विदेशी कर्ज बढ़ रहा है और यह देश के लिए एक बड़ी चिंता का कारण है।
भारत और बांग्लादेश में आर्थिक और व्यापारिक रिश्ते
बांग्लादेश और भारत के बीच व्यापारिक संबंध लगातार बढ़े (India-Bangladesh relations) हैं। भारत बांग्लादेश का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है, और दोनों देशों के बीच कई व्यापारिक समझौते हैं। बांग्लादेश को भारत से निर्यात होने वाले सामान में बिजली, निर्माण सामग्री, रिफाइंड तेल, और कृषि उत्पाद शामिल हैं। इसके अलावा, बांग्लादेश से भारत में वस्त्र और जूट का आयात भी होता है। दोनों देशों के बीच साझा परियोजनाओं जैसे ऊर्जा आपूर्ति और बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग भी बढ़ा है।