बॉटम टू टॉप और टॉप टू बॉटम स्ट्रेटेजी के साथ एक अचूक जांच के परिणामस्वरूप, भारत भर में 12 अलग-अलग मामलों में 29 नशा तस्करों को अदालतों ने दोषी ठहराया है। इसमें अहमदाबाद जोन में दो मामले शामिल हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का संकल्प नशामुक्त भारत के निर्माण के लिए सावधानीपूर्वक जांच के साथ नशीली दवाओं के खतरे से लड़ना है। मादक पदार्थों के खिलाफ मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के अनुसरण में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने यह महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है।
तीन को 10 साल की कैद
27 जुलाई 2019 को एनसीबी अहमदाबाद जोनल यूनिट ने गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती रेलवे स्टेशन से मोहम्मद रिजवान और मोहम्मद जिशान के कब्जे से 23.859 किलोग्राम चरस जब्त की थी। एनसीबी अहमदाबाद ने मामला दर्ज किया। इसी मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान एक और आरोपी साहिदुल रहमान को गिरफ्तार किया गया। जांच पूरी होने के बाद अहमदाबाद सत्र अदालत के समक्ष एनडीपीएस अधिनियम के तहत तीन आरोपियों के नाम शिकायत दर्ज की गई। मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने गत 29 जनवरी को फैसला सुनाते हुए सभी तीन अभियुक्तों को दोषी करार दिया। इन्हें 10 -10 साल के कठोर कारावास और प्रत्येक को 1 लाख रुपए के जुर्माने की सजा दी गई।
छह ड्रग्स तस्करों को 12 साल की कैद
एक अन्य मामले में अहमदाबाद सत्र अदालत ने छह ड्रग्स (चरस) तस्करों को 12 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही एक-एक लाख का जुर्माना भी किया है। इन आरोपियों में मोइन उर्फ अशरफ, मो.इरफान चोपन, राजा रमीज खान, अवेश खान हासिमखान पठान, मकबूल महीडा, वाहिद पांजा शामिल हैं।20 जनवरी 2021 को एनसीबी अहमदाबाद जोन के अधिकारियों की टीम ने वस्त्राल इलाके से 23.762 किलोग्राम चरस एक ट्रक से बरामद किया था जो जम्मू एवं कश्मीर से लाई गई थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने सभी छह आरोपियों को दोषी करार देते हुए 12-12 साल कैद की सजा सुनाई।