डॉ. सिंह रविवार को गुजरात साइंस सिटी में आयोजित नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के रजत जयंती समारोह को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने देश के हर नागरिक से अपील की कि वह एनआईएफ जैसी संस्थाओं के जरिए वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में अपना योगदान दें।
भले ही डिग्री न हो, नया विचार है, तो बन सकते हैं इनोवेटर
डॉ.सिंह ने कहा कि शोध और कुछ नया करने के लिए नए विचार की जरूरत है। भले ही आपके पास डिग्री न हो, लेकिन नया विचार है तो भी आप इनोवेेटर बन सकते हैं। एनआईएफ ग्रामीण भारत के कौने-कौने में बसे ऐसे ही इनोवेटर्स के विचारों को मूर्त रूप देकर लोगों के सामने रखने में जुटा है। कृषि, मत्स्य उद्योग में डिग्री बिना बेहतर कार्य और शोध किए जा सकते हैं। उन्होंने एशिया-इंडिया इनोवेशन, इंडिविजुअल फोकस, इनोवेशन इकोसिस्टम और ग्रासरूट इनोवेशन स्टार्टअप पर जोर दिया।
गांव मजबूत होंगे, तो देश होगा मजबूत: विश्वकर्मा
गुजरात के सहकारिता, लघु एवं मध्यम उद्योग राज्यमंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने कहा कि गांव मजबूत होंगे तो देेश मजबूत होगा। कच्छ के रण में पौधारोपण कर 12 महीने फल आएं ऐसे कई इनोवेशन गुजरात के किसानों ने किए हैं। गांवों में बेहतर तकनीक पहुंचने पर शहरों की ओर स्थानांतरण भी रुकेगा।
एनआईएफ का डाट टिकट, विशेष कवर जारी
एनआईएफ के अध्यक्ष अनिल सहस्त्रबुद्धे ने महोत्सव की जानकारी देते हुए कहा कि दो दिवसीय महोत्सव में फाउंडेशन के 25 साल की विकास यात्रा की चर्चा की गई है। समारोह के दौरान एनआईएफ की डाक टिकट, विशेष कवर, कॉफी टेबल बुक, द्विमासिक सामयिक का विमोचन किया गया। विशेष योगदान देने वाले इनोवेटर्स को सम्मानित किया गया। इस दौरान गुजरात सर्कल के चीफ पोस्ट मास्टर कृष्ण कुमार यादव, एनआईएफ निदेशक डॉ.अरविंद रानडे सहित इनोवेटर उपस्थित रहे।