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अहमदाबाद

गुजरात में बन्नी घास के मैदानों में भी होगा चीता का बसेरा

पीएम नरेंद्र मोदी ने सासण गिर में नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ की 7वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह घोषणा की

अहमदाबादMar 03, 2025 / 09:57 pm

Uday Kumar Patel

पीएम नरेंद्र मोदी ने सासण गिर में नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ की 7वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह घोषणा की

गुजरात (Gujarat) के बन्नी घास के मैदानों में भी अब चीता (Cheetah) का बसेरा होगा। चीता को मध्य प्रदेश के गांधीसागर अभयारण्य से कच्छ के बन्नी घास के मैदानों सहित अन्य क्षेत्रों में भी लाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने यह अहम घोषणा सोमवार को जूनागढ़ जिले के सासण गिर में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (National wildlife board) की 7वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए की।बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने उन्होंने कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने देश में पहली बार नदी डॉल्फिन अनुमान रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार देश में नदी डॉल्फिन की कुल संख्या 6,327 है। इस प्रयास में आठ राज्यों की 28 नदियों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 8,500 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को कवर करने के लिए 3150 दिनों का समय लगा। सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई वहीं इसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और असम का स्थान रहा।

राष्ट्रीय वन्यजीव रेफरल सेंटर का शिलान्यास

उन्होंने जूनागढ़ में राष्ट्रीय वन्यजीव रेफरल सेंटर की आधारशिला भी रखी। यह वन्यजीव स्वास्थ्य और रोग प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं के समन्वय और प्रशासन के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 में आयोजित होने वाले शेरों की संख्या का अनुमान करने के 16वें चक्र की शुरुआत की घोषणा की। एशियाई शेरों की संख्या का अनुमान हर पांच साल में एक बार किया जाता है। पिछली बार ऐसा 2020 में किया गया था।

बरडा अभयारण्य में शेर संरक्षण पर जोर

एशियाई शेरों के प्राकृतिक फैलाव के माध्यम से पोरबंदर जिले के बरडा वन्यजीव अभयारण्य को अपना घर बनाने को देखते हुए पीएम मोदी ने घोषणा की कि बरडा में शेर संरक्षण को शिकार वृद्धि और अन्य आवास सुधार प्रयासों के जरिए समर्थन दिया जाएगा।

कोयंबटूर के एसएसीओएन में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित होगा

पीएम ने मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रभावी प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री ने कोयंबटूर के एसएसीओएन (सलीम अली पक्षी विज्ञान और प्राकृतिक इतिहास केंद्र) में भारतीय वन्यजीव संस्थान परिसर में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की घोषणा की। यह केंद्र राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ तीव्र प्रतिक्रिया टीमों, ट्रैकिंग, पूर्व चेतावनी के लिए गैजेट से लैस करने में सहायता करेगा। साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष के हॉटस्पॉट में निगरानी और घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणालियों को निर्धारित करेगा।
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