तीन माह से जिलों के फेर में अटका काम इंवेस्टर मीट के दौरान केकड़ी जिला अस्तित्व में था। ऐसे में इंवेस्टर मीट के बाद सभी पत्रावलियां टोंक जिला कलक्टर के जरिए टोंक के रीको को प्रेषित की गई। इस पर निवेशकों से चर्चा के बाद स्थान तलाशी जा रही थी लेकिन धरातल पर क्रियान्विति नजर नहीं आई।
जिला निरस्त होने के बाद फिर पत्रावली अजमेर आई इस बीच जनवरी माह में प्रदेश सरकार ने नए बनाए 19 जिलों में से 9 जिले निरस्त कर दिए। इनमें केकड़ी भी शामिल रहा। ऐसे में अब रीको का क्षेत्राधिकारी पुन अजमेर आफिस के अधीन आ गया। रीको के जरिए अब केकड़ी की समस्त निवेशकों की पत्रावलियां पुन अजमेर आ गईं।
रीको अजमेर ने मांगी जमीन रीको अजमेर ने केकड़ी क्षेत्र में रीको के लिए जमीन मांगी है। इसके बाद केकड़ी के निवेशकों के लिए उद्यम स्थापित करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। इसके लिए रीको के पत्र के बाद जिला कलक्टर ने स्वायत्त् शासन विभाग को पत्र लिखकर जमीन की मांग की है। प्रथम चरण में आठ लाख वर्ग मीटर जमीन की दरकार है।इनका कहना हैकेकड़ी के एमओयू के तहत क्रियान्विति करनी है। इसके लिए रीको ने जमीन मांगी है। जिला कलक्टर ने सरकार को पत्र लिखा है। जमीन आवंटन होने के बाद एमओयू पर काम किया जाएगा।
शिव कुमार दीक्षित,सीनियर रीजनल मैनेजर, रीको, अजमेर।