गत 20 मई को शाम साढ़े 4 से 5 बजे के बीच उसकी दुकान पर सफेद रंग की कार में बैठकर एक महिला आई। उसने जींस-टी शर्ट पहना हुआ था और काले रंग का चश्मा लगाया हुआ था। उसकी गोद में करीब एक माह का बच्चा था और 14-15 साल की एक किशोरी भी उसके साथ थी। जिसे वह अपनी ननद बता रही थी।
अंगूठी दिखाई
महिला ने दुकान पर आकर सोने की अगूंठी दिखाने को कहा। सुरेन्द्र ने सोने की अंगूठी उपलब्ध नहीं होने की बात कही तो महिला ने मंगलवार को बाजार बंद होने की बात कहते हुए उससे अगूंठी देने का आग्रह किया। इस पर सुरेन्द्र ने एडवांस बुकिंग पर बनाकर रखे आभूषणों में से सोने की अंगूठियां दिखाई, जो उसे पसंद आ गई। इस दौरान ग्राहक के ऑर्डर पर बनाए गए मंगलसूत्र और कान के टॉप्स देखकर उसने उनका भी वजन करने का कहा। इस दौरान दुकान के बाहर खड़ा कार चालक दुकान में आकर महिला से लेट होने की बात कहकर जल्दी खरीदारी करने के लिए बोलने लगा। महिला ने उसे अपना पति बताया।
इसके बाद महिला के कहने पर उसने सभी आभूषणों का वजन किया तो 15 ग्राम 200 मिलीग्राम निकला। जिनकी कीमत एक लाख 54 हजार 500 रुपए बताई। इस बीच महिला ने नकद रुपए नहीं होने की बात कही और फर्जी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर सुरेन्द्र के वॉट्सऐप पर फर्जी ट्रांजेक्शन की रिसिप्ट सेंड कर दी। बाद में खाते में रुपए नहीं आने पर सुरेन्द्र को धोखाधड़ी का पता चला।
दुकानदार ने रोका तो बोली बच्चा परेशान हो रहा है
पीड़ित दुकानदार सुरेन्द्र ने खाते में रुपए नहीं आने पर महिला को रुकने को कहा तो वह बोली कि मेरा बच्चा छोटा है, परेशान हो रहा है, हम लेट हो रहे हैं। इसके बाद वह आभूषण लेकर चली गई। इसके 2 घंटे बाद जब फिर से खाता चैक किया तो 5 बजकर 35 मिनट पर एक रुपए खाते में आने का मैसेज मिला। इसके बाद उसने महिला के दिए मोबाइल नंबर पर फोन किया तो जवाब मिला कि रुपए आपके खाते में आ जाएंगे। अगले दिन बैंक जाकर खाते की जांच कराई तो एनईएफटी की रिसिप्ट व ट्रांजेक्शन फर्जी होने की जानकारी मिली। वहीं, महिला को फोन करने पर उसने रुपए देने से मना करते हुए दुकानदार को ही धमकी दे डाली। इसके बाद दुकानदार की ओर से थाने में मामला दर्ज कराया गया।