इंजन और गाड़ी की कीमत होगी छूट का आधार
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि जो ड्यूटी में छूट दी जा रही है, वो सिर्फ कुछ खास गाड़ियों तक ही सीमित रहेगी। इसका फैसला गाड़ी की इंजन क्षमता और मूल्य के आधार पर किया जाएगा। यानि महंगी और बड़ी गाड़ियों को एक तरह की राहत मिलेगी, जबकि सस्ती और छोटी गाड़ियों के लिए अलग पैमाना होगा।
धीरे-धीरे घटेगा इंपोर्ट टैक्स
फिलहाल भारत में इंपोर्टेड गाड़ियों पर 100% से भी ज्यादा टैक्स लगता है। इस नए समझौते के तहत आने वाले 10 से 15 वर्षों में इसे धीरे-धीरे घटाकर 10% तक लाने का प्रस्ताव है। यह राहत एक झटके में नहीं बल्कि फेज वाइज दी जाएगी, जिससे घरेलू ऑटो कंपनियों को अचानक झटका न लगे।
Tata-JLR को मिलेगा बड़ा फायदा
इस समझौते से खासतौर पर Tata Motors की सब्सिडियरी Jaguar Land Rover (JLR) को सीधा फायदा मिलेगा जो ब्रिटेन में मैन्युफैक्चर करती है और भारत में बड़े स्तर पर प्रीमियम कारें बेचती है। कंपनी पहले ही इस डील को ‘पॉजिटिव डेवलपमेंट’ बता चुकी है।
व्यापार दोगुना करने का टारगेट
दोनों देशों ने मिलकर यह लक्ष्य तय किया है कि वर्तमान $60 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुना किया जाए। भारत से 99% निर्यात पर ब्रिटेन टैरिफ हटाएगा जबकि भारत भी शराब, गाड़ियां और कुछ अन्य प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट में छूट देगा। यह भी पढ़ें:
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हालांकि भारत ने समझौते में ब्रिटेन को कई रियायतें दी हैं, लेकिन साथ ही घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए ‘सेफगार्ड मेकेनिज्म’ भी शामिल किए हैं। इसका मतलब है कि अगर इंपोर्ट बढ़ता है और घरेलू कंपनियों पर असर पड़ता है, तो भारत उस पर कंट्रोल कर सकेगा।
लग्जरी कार ब्रांड्स की प्रतिक्रिया
Mercedes-Benz और BMW जैसी कंपनियों ने भी इस समझौते का स्वागत किया है। हालांकि उनका मानना है कि इसका सीधा असर कीमतों पर नहीं, बल्कि लंबी अवधि में मार्केट डायनामिक्स पर दिखेगा। FTA डील से भारत में विदेशी गाड़ियां थोड़ी सस्ती जरूर हो सकती हैं, लेकिन यह कोई तुरंत मिलने वाला फायदा नहीं है। सरकार ने सोच-समझकर एक ऐसा समझौता किया है जिसमें व्यापार को बढ़ावा भी मिलेगा और घरेलू कंपनियों की सुरक्षा भी बनी रहेगी।