1. गाड़ी का प्री-मानसून चेकअप करवाएं
बारिश शुरू होने से पहले अपनी गाड़ी का एक्सपर्ट से पूरा चेकअप कराएं। इसमें ब्रेक, बैटरी, इंजन ऑयल, कूलेंट और सस्पेंशन की जांच शामिल होनी चाहिए। ये सभी पार्ट्स ठीक से काम कर रहे हों तो बारिश के मौसम में आपकी गाड़ी बेहतर प्रदर्शन करेगी और अचानक खराबी का खतरा कम होगा।
2. विंडशील्ड वाइपर और वाशर फ्लूइड की जांच करें
बारिश में आपकी विजिबिलिटी सबसे जरूरी होती है। अगर वाइपर ब्लेड पुराने या फटे हुए हों तो वे पानी को सही से साफ नहीं कर पाएंगे, जिससे ड्राइविंग खतरे में पड़ सकती है। इसलिए वाइपर ब्लेड्स को समय से बदलें और विंडशील्ड वाशर फ्लूइड को भी भरवा लें ताकि रास्ते साफ और देखने में आसानी हो।
3. टायर की स्थिति और प्रेशर चेक करें
बारिश में फिसलन भरे रास्तों पर अच्छी ग्रिप के लिए टायर का ट्रेड सही होना जरूरी है। टायर का प्रेशर भी बैलेंस्ड होना चाहिए न तो ज्यादा और न ही कम। यदि टायर की ग्रिप कमजोर हो या टायर पुराने और घिसे हुए हों तो उन्हें बदलवाना ही बेहतर है। यह कदम आपके सड़क पर सुरक्षित ड्राइविंग के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
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बारिश में ब्रेकिंग दूरी बढ़ जाती है इसलिए ब्रेक्स की स्थिति को लेकर कोई समझौता न करें। ब्रेक पैड, डिस्क और ब्रेक फ्लूइड की नियमित जांच जरूरी है। बारिश में धीमे और बैलेंस्ड ड्राइविंग करें ताकि अचानक ब्रेक लगाने से स्स्प्की गाड़ी फिसले नहीं।
5. इलेक्ट्रिकल सिस्टम और लीकेज का ध्यान रखें
बारिश में गाड़ी के इलेक्ट्रिकल पार्ट्स पर पानी का प्रभाव बहुत खतरनाक हो सकता है। सभी तार ठीक से इंसुलेटेड हों और कहीं से पानी अंदर न घुसे। साथ ही कार के ड्रेन होल्स साफ रखें ताकि पानी जमा न हो। बारिश में पानी में ड्राइव करते समय धीमे चलें और पानी से बचने की कोशिश करें।
मानसून में गाड़ी को पेड़ों के नीचे या लो-लाइंग जगहों पर पार्क करने से बचें क्योंकि पेड़ों से गिरते शाखा या पानी की वजह से नुकसान हो सकता है। हमेशा ऐसी जगह पर पार्क करें जहां पानी जमा न हो और आपकी गाड़ी सुरक्षित रहे।