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बालाघाट

86 करोड़ के कर्ज तले दबे जिले के 29 हजार किसान

वर्षो से ऋण जमा नहीं करने पर बैंक बनाया कालातीत
जून माह के बाद सख्ती से वसूली की चल रही तैयार
तहसीलदार के माध्यम से जारी करवाए जाएंगे नोटिस

बालाघाटFeb 09, 2025 / 05:13 pm

mukesh yadav

वर्षो से ऋण जमा नहीं करने पर बैंक बनाया कालातीत जून माह के बाद सख्ती से वसूली की चल रही तैयार तहसीलदार के माध्यम से जारी करवाए जाएंगे नोटिस

वर्षो से ऋण जमा नहीं करने पर बैंक बनाया कालातीत
जून माह के बाद सख्ती से वसूली की चल रही तैयार
तहसीलदार के माध्यम से जारी करवाए जाएंगे नोटिस

बालाघाट. जिले का किसान कर्ज के बोझ से निकल ही नहीं पा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में किसानों को करीब 662 करोड़ का कर्ज दिया गया। इसकी अदाएगी भी नहीं हो पाई है। अब रबी फसल के लिए किसान की ओर से ढाई सौ करोड़ की डिमांड बनी हुई है।

जानकारी के अनुसार शासन प्रशासन कृषि को लाभ का सौदा बनाने की बात कहते थकते नहीं है। जिले का अन्न दाता कर्ज के बोझ तले लगातार दबता चला जा रहा है। यह स्थिति तब है, जब किसानों के हितार्थ दर्जनों योजनाए चलाई जा रही है। किसानों की आय दोगुनी और किसान समृद्ध व खुशहाल न होकर कर्जदार बन गया है। शासन प्रशासन की योजनाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए ज रहे हैं।

यह है जिले में स्थित

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बालाघाट से प्राप्त जानकारी पर गौर करें तो जिले में करीब एक लाख 29 हजार किसान पंजीकृत है। जिन्हें वित्तीय वर्ष में 128 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के जरिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्प कालीन फसल ऋण दिया जाता है। बैंक सीईओ आरसी पटले के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में करीब 662 करोड़ का कर्जा किसानों प्रदान किया गया। बैंक की ओर से करीब 32 प्रतिशत ऋण की वसूली ही की जा सकी है। आगामी रबी सीजन के लिए करीब ढाई सौ करोड़ की डिमांड बनी हुई है।

इन योजना पर मिलता है ऋण
जानकारी के अनुसार कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की योजना के अनुसार किसानों को ऋण मुहैया कराया जाता है। इस योजना के तहत किसानों को अल्पकालीन फसल ऋण दिया जाता है। किसानों को ऋण देने के लिए सरकार और बैंक कई तरह की योजनाएं चलाते है। इनमें प्रमुख रूप से मुख्यमंत्री कृषि ऋण योजना, केद्रीय ब्याज अनुदान योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं शामिल है।

लिंकिंग से कर रहे वसूली
सीईओ पटले के अनसुार ऋणी किसानों से वसूली के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। जिले के करीब एक लाख से अधिक किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपनी उपज का विक्रय किया है। इनके भुगतान के पूर्व किसानों का खाता लिंकिंग कर ऋण की राशि जमा करवाई जा रही है। इसके बाद भी शेष राशि किसानों को प्रदान की जा रही है। पटले के अनुसार करीब 73 हजार किसानों की 257 करोड़ की लिंकिंग कार्य किया गया है। इस कार्य से करीब 126 करोड़ की ऋण वसूली प्राप्त हो चुकी है। वहीं बैंक की ओर से भी 32 प्रतिशत वसूली प्राप्त हो चुकी है। इस तरह करीब ढाई सौ करोड़ की वसूली हो चुकी है।

29 हजार किसान हुए कालातीत
सीईओ पटले के अनुसार वसूली के मामले में जिला सहकारी बैंक की स्थित अच्छी है। बैंक वसूली के मामले में प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा है। प्रतिवर्ष करीब 98 प्रतिशत किसानों से ऋण जमा करवा लिया जाता है। शेष दो प्रतिशत किसान रह जाते हैं, जिन्हें डिफाल्टर (कालातीत) की सूची में रखा जाता है। ऐसे 01- 06 साल तक कर्जदार किसानों की संख्या जिले में करीब 29 हजार है। इन 29 हजार किसानों पर ही करीब 86 करोड़ का ऋण शेष है।

योजना का लाभ लें किसान
ऋण वसूली को लेकर बैंक सीईओ आरसी पटले ने किसानों से अपील भी जारी है। सीईओ पटले के अनुसार ऋण अदाएगी न करने वाले किसान किसी भी संस्था से कर्ज नहीं ले सकते हैं। ऐसे में उनका वित्तीय विकास रूक जाता है। उन्होंने अपील कर कहा कि किसान शासन की एक मुश्त समझौता जमा योजना का लाभ लेकर भी ऋण जमा कर सकते हैं। इसमें किसानों को रियायत भी मिलती है और वे कालातीत किसान भी नहीं कहलाते हैं।

खास-खास
:- जिले में 01 लाख 29 हजार किसान पंजीकृत।
:- जिला सहकारी बैंक की 128 साख समितियां।
:- चालू वित्तीय वर्ष में दिया गया 662 करोड़ का ऋण।
:- 73 हजार किसान किए गए लिंकिंग।
:- 257 करोड़ की लिंकिंग में 126 करोड़ की वसूली।
:- बैंक के जरिए 32 प्रतिशत की हुई वसूली।
:- 29 हजार किसान डिफाल्टरों की सूची में शामिल।
:- डिफाल्ट किसानों पर 86 करोड़ का बकाया।
:- खरीफ सीजन में दिए गए 350 करोड़।
:- रबी सीजन के लिए ढाई सौ करोड़ की डिमांड।

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