नवागत एसपी मिश्रा के सामने चुनौतियों का अंबार है। जिले में चोरीए लूट, डकैती, सट्टा, जुआ-फड़, अवैध शराब व गौ-तस्करी पर नकेल कसना बड़ी चुनौती होगी। दर्जनों चोरी व लूट के मामलों का खुलासा अब तक पुलिस नहीं कर पाई है। तेजी से बढ़ रही नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाना भी बड़ी चुनौती में शामिल है।
आकड़ों पर गौर करें तो 13 दिन के अंतराल में नक्सलियों की दो बड़ी गतिविधियों ने पुलिस के माथे पर चिंता बढ़ा दी है। पहला 19 मई को लांजी थाना क्षेत्र के बिलालकसा के जंगल काए जहां नक्सल व पुलिस के बीच मुठभेड़ हुआ। दूसरा 31 मई को गढ़ीटिकरा जंगल क्षेत्र काए जहां से सुरक्षा बल के जवानों ने पत्थरों के बीच से कंटेनर बरामद कियाए जिसमें से आइईडी बनाने की सामग्री जब्त की गई। उसी समय छत्तीसगढ़ राज्य में भी 10 आइईडी बनाने की सामग्री सुरक्षा बल के जवानों ने जब्त की थी। ये घटनाएं नक्सलियों के खतरनाक मंसूबे की ओर इशारा कर रहे हैं।
अब देखना यह है कि नवागत पुलिस अधीक्षक मिश्रा इस पर कैसे अंकुश लगाते हैं। जिले के कानून पसंद लोगों की माने तो वर्तमान समय में पुलिस में भी कसावट की कमी नजर आ रही है। नतीजा अपराधियों के हौसले बुंलद है।
प्रकरण दर्ज कराने चक्कर लगा रहे फरियादी चक्कर लगा रहे हैं। उनको चोरी का प्रकरण दर्ज कराने के लिए तीन से चार दिन लग रहे हैं। कोतवाली में बीते माह नवागत थाना प्रभारी विजय राजपूत के कार्यभार ग्रहण किए जाने के बाद चोरी के मामले में एक पीडि़ता को चार दिन चक्कर लगाने के बाद प्रकरण दर्ज किया गया। किरनापुर थाना क्षेत्र के रजेगांव निवासी एक पीडि़त का चोरी के तीसरे दिन देर शाम तक प्रकरण दर्ज नहीं किया गया था।
नवागत एसपी पहले भी रहे हैं जिले में तैनात नवागत एसपी आदित्य मिश्रा इसके पूर्व भी जिले में तैनात रह चुके हैं। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ के समय वे नक्सल सेल के एसपी व बैहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रहे। बताया जाता है कि उस समय उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। डबलमनी सहित अन्य मामले में भी वे लीड रोल में रहे।