नम्मा मेट्रो के किरायों में भारी वृद्धि के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को राज्य सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि मेट्रो रेल के लिए किराया निर्धारण समिति दिल्ली में स्थित नहीं है। उन्होंने कहा कि मेट्रो रेल किराया वृद्धि के बारे में मुख्यमंत्री से पूछा जाना चाहिए, न कि केंद्र सरकार से।
वैष्णव ने संवाददाता सम्मेलन में यहां कहा, राज्य सरकार शहर की जमीनी हकीकत जानती है और उन्हें हर मेट्रो परियोजना के लिए निर्णय लेने की प्रमुख प्रक्रिया में शामिल होना चाहिए। इसलिए कृपया यह सवाल राज्य के मुख्यमंत्री से पूछें।
वैष्णव के अनुसार, मेट्रो रेल से जुड़ी हर चीज के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है और किराए में बढ़ोतरी के बारे में उनसे ही पूछा जाना चाहिए। किराया वृद्धि के संबंध में, सवाल राज्य सरकार से पूछा जाना चाहिए। मूल्य निर्धारण समिति दिल्ली से नहीं है। मूल्य निर्धारण प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से तैयार किया जाता है।
एक सप्ताह पहले, बेंगलूरु मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (बीएमआरसीएल) ने 9 फरवरी से किराए में बढ़ोतरी की घोषणा की थी। बाद में विरोध बढ़ने पर बीएमआरसीएल ने किराया वृद्धि को 71 प्रतिशत तक सीमित कर दिया। इससे किराए में 10 रुपए तक अंतर आया। हालांकि, भारी वृद्धि को लेकर लोगों का गुस्सा बरकरार है।
मेट्रो किराया वृद्धि के खिलाफ यात्रियों ने किया प्रदर्शनx मेट्रो किराए में वृद्धि के खिलाफ बेंगलूरु मेट्रो कम्यूटर्स एसोसिएशन (बीएमसीए) के बैनर तले दैनिक यात्रियों ने शनिवार को फ्रीडम पार्क में प्रदर्शन किया। बीएमसीए के एन. रवि ने कहा, हमने पूरी दुनिया में कभी नहीं सुना कि किसी सार्वजनिक परिवहन कंपनी ने किराए में 100 प्रतिशत की वृद्धि की हो। नम्मा मेट्रो किराया वृद्धि का कारण किराया निर्धारण समिति की सिफारिशों को बता रही है जो हास्यास्पद है। वृद्धि तार्किक और व्यवहारिक होनी चाहिए।
बीएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक को संबोधित ज्ञापन में एसोसिएशन ने कहा कि मेट्रो का उपयोग करने वाले अधिकांश लोग मध्यम वर्ग और निम्न-मध्यम वर्ग के हैं, जिनमें श्रमिक और छात्र भी हैं, जो सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं। एसोसिएशन ने कहा, इस बढ़ोतरी के साथ, उनका मासिक यात्रा खर्च बढ़ गया है।