हेमराज चौधरी के अनुसार खल्दी गांव के समीप भूमियाजी के चबूतरे के निकट से शाम साढ़े 7 बजे संदिग्धवस्था में खल्दी गांव निवासी रामेश्वर मोग्या पुत्र सुग्रीव घायल मोर को लेकर जा रहा था। जिसे हरिओम चौधरी, राजेंद्र चौधरी, गोपाल मीणा, रामावतार मीणा व राजू मीणा ने पकड़ लिया। लेकिन रात का समय होने के कारण रामेश्वर मोगिया अंधेरे का लाभ उठा कर मौके से भाग गया। बाद में उसके घर पर जाकर तलाश किया तो वहां ताला लगा हुआ था। और मोरों की तलाश की तो एक मृत मोर व एक घायल मोर मिला। रात करीब 9 बजे वन कर्मियों को फोन कर इस घटना की जानकारी दी तो उन्होंने सवेरे आने के लिए कहा। गुरुवार को किशनपुरा वन पाल दिनेश सहरिया व वन रक्षक खल्दी गांव गए तो ग्रामीणों ने 2 मृत मोरो सहित एक घायल मोर को सुपुर्द किया। इनके जाने के बाद एक मोर की और मौत हो गई। ग्रामीणों को आशंका है कि जहरीले दानों के चुगने से मोरों की मौत हुई है। वन पाल दिनेश सहरिया ने बताया कि 2 मृत व एक घायल मोर को लेकर भंवरगढ़ राजकीय पशु चिकित्सालय ले कर गये थे।
वहां चिकत्सक ने मृत मोरों का अंत्य परीक्षण किया। इसमें प्रारंभिक तौर पर जहर के असर से मोरों की मौत बताया गया है। मृत मोरो के विसरा को कोटा लैब में भिजवाया गया है। एक घायल मोर का उपचार जारी है। दोनों मृत मोरों का नाहरगढ़ रेंज में लाकर अंतिम संस्कार कर दिया है। वन्य जीव अधिनियम के तहत रामेश्वर मोग्या के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर अनु संधान किया जा रहा है।