लीक हो सकता है डाटा साइबर थाना के एक्सपर्ट दिग्विजय का कहना है कि पड़ोसी देश हमेशा से ही भारतीय यूजर्स को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें करता रहा है। खासकर युद्ध जैसे हालात होने के चलते हैकर्स और अटैकर्स पहले से ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। उनकी कोशिश ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने की होगी और वे मालवेयर के साथ नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। टारगेटेड साइबर अटैक्स के साथ संवेदनशील जानकारी जुटाई जा सकती है।बैंङ्क्षकग डाटा भी खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों में इसकी अधिक आशंका है, लेकिन फिर भी जिले के लोगों को भी जागरूक रहना चाहिए।
ये सावधानी जरूरी - सोशल मीडिया पर संदिग्ध, भ्रामक या भडक़ाऊ जानकारी, सेना की गतिविधि के बारे में फोटो/वीडियो शेयर न करे।
- सुनिश्चित करें कि आपके मोबाइल और कंप्यूटर पर एंटीवायरस सॉफ्टवेयर हमेशा अपडेट रहे।
- सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करते समय संवेदनशील डेटा साझा करने से बचें।
- अपने बैंङ्क्षकग ऐप और पासवर्ड सुरक्षित रखें। किसी के साथ ओटीपी या पासवर्ड साझा न करें।
- साथ ही 92 कंट्री कोड से आने वाले मैसेजेस या कॉल्स को ब्लॉक कर दें और उनका जवाब ना दें।
- ऐसा पासवर्ड चुनें जिसमें अंग्रेजी के बड़े अक्षर, छोटे अक्षर, नंबर्स व स्पेशल कैरेक्टर आदि शामिल हों।
- अपने सोशल मीडिया अकाउंट््स पर टू फैक्टर ऑथनटिकेशन ऑन रखें और आवश्यकता होने पर पुलिस के अपराध पोर्टल पर रिपोर्ट करें।