विधानसभा की कार्यवाही पर सख्त नाराज बरेलवी मौलाना
आसाम विधानसभा की कार्यवाही पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि आसाम की भाजपा सरकार ने एक बार फिर मुस्लिम मुखालफत का इज़हार करते हुए विधानसभा मे मुस्लिम विधायकों के लिए जुमे के दिन नमाज़ अदा करने के लिए 2 घंटे के वक्फा (शुन्यकाल) के लिए 90 साल की परम्परा को खत्म कर दिया गया है। अगर चुने हुए विधायक ही अपने धार्मिक अधिकारो की अदायगी नही कर सकते है तो असम राज्य के आम मुसलमानो के बारे मे क्या कहा जा सकता है, ये बात हर शख्स सोच सकता है।
मुसलमानों को सीएए के नाम पर डरा रहे आसाम मुख्यमंत्री
मौलाना ने कहा कि आसाम के मुख्यमंत्री हेमन्त विशवा सर्मा हमेशा मुसलमानो के खिलाफ जहरीले बयान देते है, कभी वो NRC के नाम पर असाम और बंगाल के मुसलमानो को डराते है, तो कभी CAA के नाम पर पूरे भारत के मुसलमानो को डराने की कोशिश करते है। मौलाना ने आगे कहा कि विधानसभा मे जुमे के दिन 2 घंटे की छूट 1937 से चली आ रही है, ये छूट कोई नयी परम्परा नहीं है जो कि 90 सालों से चली आ रही है। मौलाना ने मांग की है कि विधानसभा मे ही कोई जगह जुमा पढ़ने की मुकर्रर की जाये ताकि हफ्ते भर में एक बार पढ़ी जाने वाली नमाज़ से मुस्लिम विधायक वंचित न रह जाए।