scriptबरेली के वैज्ञानिकों की बड़ी उपलब्धि: आईवीआरआई ने तैयार किए तीन देसी पशु टीके, केंद्रीय कृषि मंत्री ने किया लॉन्च, जानिए किस बीमारी से बचाएंगे | Big achievement of Bareilly scientists: IVRI prepared three indigenous animal vaccines, Union Agriculture Minister launched them, know which disease they will protect against | Patrika News
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बरेली के वैज्ञानिकों की बड़ी उपलब्धि: आईवीआरआई ने तैयार किए तीन देसी पशु टीके, केंद्रीय कृषि मंत्री ने किया लॉन्च, जानिए किस बीमारी से बचाएंगे

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) एक बार फिर देशभर में सुर्खियों में है। संस्थान के वैज्ञानिकों ने तीन बेहद अहम पशु वैक्सीन तैयार किए हैं, जिन्हें बुधवार को दिल्ली में हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 97वें स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लॉन्च किया।

बरेलीJul 16, 2025 / 08:57 pm

Avanish Pandey

बरेली। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) एक बार फिर देशभर में सुर्खियों में है। संस्थान के वैज्ञानिकों ने तीन बेहद अहम पशु वैक्सीन तैयार किए हैं, जिन्हें बुधवार को दिल्ली में हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 97वें स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लॉन्च किया।
इन तीन टीकों में सबसे खास बात यह है कि ये न केवल जानवरों को खतरनाक बीमारियों से बचाएंगे, बल्कि देश को विदेशी टीकों पर निर्भरता से भी मुक्ति दिलाएंगे। समारोह में कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. मांगीलाल जाट, आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त सहित कई दिग्गज वैज्ञानिक और अधिकारी मौजूद रहे।

तीनों टीकों में क्या है खास?

नेगेटिव मार्कर ट्राइवेलेंट एफएमडी वैक्सीन
यह वैक्सीन खुरपका-मुंहपका (FMD) नाम की बेहद संक्रामक बीमारी से बचाने के लिए बनाई गई है, जिससे देश को हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। इस वैक्सीन की खास बात यह है कि इससे यह पता लगाया जा सकता है कि कोई पशु टीका लगाया गया है या वह असल में संक्रमित है। यह टीका डॉक्टर सुरेश बसगौडनवर और उनकी टीम ने तैयार किया है।
आईवीआरआई-एम पी.पी.आर चिन्हक वैक्सीन
यह वैक्सीन बकरियों और भेड़ों में फैलने वाले खतरनाक रोग ‘पी.पी.आर’ से बचाव के लिए है। दुनिया भर में इस बीमारी को 2030 तक खत्म करने का लक्ष्य तय किया गया है। यह वैक्सीन भी टीका लगे और संक्रमण से बीमार हुए जानवरों में फर्क कर सकती है। इस पर काम डॉ. एस. चंद्रशेखर की टीम ने किया है।
कैनाइन पार्वोवायरस वैक्सीन
कुत्तों में होने वाली जानलेवा बीमारी पार्वोवायरस के लिए यह पहली देसी वैक्सीन है। यह बीमारी कुत्तों में तेज बुखार, उल्टी और खून वाले दस्त जैसे लक्षण लाती है। यह टीका पूरी तरह भारत में तैयार किया गया है और अब विदेशी टीकों की जरूरत नहीं होगी। इसे डॉ. विशाल चंदर और उनकी टीम ने बनाया है। इसके साथ ही सूअर की शंकर लैंडली नस्ल, इंडिमस नाम की चूहों की नई प्रजाति और पी.पी.आर-गोटपॉक्स का संयुक्त टीका भी इस मौके पर वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित किया गया।

वैज्ञानिक प्रदर्शनी में दिखा आईवीआरआई का दम

दिल्ली में आयोजित तकनीकी प्रदर्शनी में आईवीआरआई ने अपनी आधुनिक तकनीकों का जोरदार प्रदर्शन किया। डॉ. रूपसी तिवारी की अगुवाई में डॉ. एम.के. सिंह और उनकी टीम ने वैक्सीन्स और निदान तकनीकों की जानकारी दी। इस उपलब्धि के साथ आईवीआरआई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह देश के पशु चिकित्सा क्षेत्र में शोध और नवाचार का सिरमौर बना हुआ है।

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