अस्पताल का कोई वैध रजिस्ट्रेशन नहीं था और यह अवैध रूप से संचालित हो रहा था। स्वास्थ्य विभाग को जब इस बात की जानकारी हुई, तो सीएचसी अधीक्षक डॉ. अमित, स्थानीय मजिस्ट्रेट के साथ शनिवार को मौके पर पहुंचे और अस्पताल को सील कर दिया।
शादी वाले दिन बिगड़ी तबीयत, इलाज के दौरान गई जान
बहेड़ी के देवीपुरा गांव निवासी किशन लाल की बेटी शांति की शादी 14 मई को तय थी। लेकिन उसी दिन दोपहर में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिजनों ने घबराहट और बेचैनी की शिकायत पर उसे पास के शाहजी अल-शिफा हॉस्पिटल में भर्ती कराया। वहां डॉक्टर तसलीम अहमद उर्फ भूरा ने उसे ग्लूकोज ड्रिप देने का निर्णय लिया। परिजनों के अनुसार डॉक्टर ने बताया कि कमजोरी के कारण शांति की हालत बिगड़ी थी और ड्रिप लगाने से राहत मिलेगी। लेकिन कुछ ही मिनटों में उसकी हालत और ज्यादा बिगड़ गई। आनन-फानन में उसे बरेली रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
दुल्हन की मौत के बाद आधे रास्ते से लौट गई थी बारात
जिस घर में खुशियों की तैयारियां चल रही थीं, वहां अचानक मातम पसर गया। हलवाइयों ने पकवान बना लिए थे, पंडाल सज चुका था, लेकिन दुल्हन के गुजरने की खबर से सब कुछ थम गया। बारात जो नवाबगंज से आ रही थी, उसे रास्ते से ही लौटा दिया गया। दूल्हा अजयवीर ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही वे तुरंत अस्पताल पहुंचे और विवाह स्थगित कर दिया। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने अस्पताल पर हंगामा किया। इसी बीच आरोपी डॉक्टर मौके से फरार हो गया। पुलिस को सूचना दी गई, जिसने स्थिति को संभाला और परिजनों की तहरीर पर डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। बाद में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।