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डीएम ने यूपी की इस कंस्ट्रक्शन फर्म पर दर्ज कराया मुकदमा, सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के कार्यों में लापरवाही और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में ब्रिज कंस्ट्रक्शन फर्म के मालिक वरुण यादव पर मुकदमा दर्ज किया गया है। यह शहर में एनसीएपी परियोजना से जुड़ा पहला मामला है, जिसमें किसी ठेकेदार पर कानूनी कार्रवाई हुई है।

बरेलीFeb 22, 2025 / 06:05 pm

Avanish Pandey

बरेली डीएम रविन्द्र कुमार

बरेली। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के कार्यों में लापरवाही और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में ब्रिज कंस्ट्रक्शन फर्म के मालिक वरुण यादव पर मुकदमा दर्ज किया गया है। यह शहर में एनसीएपी परियोजना से जुड़ा पहला मामला है, जिसमें किसी ठेकेदार पर कानूनी कार्रवाई हुई है। नगर निगम के अपर नगर आयुक्त सुनील कुमार यादव से भी डीएम रविंद्र कुमार ने जवाब तलब किया है और उनके वेतन पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इस प्रशासनिक कार्रवाई से नगर निगम के अन्य ठेकेदारों में भी हड़कंप मच गया है।

डीएम की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में सामने आया मामला

गुरुवार को डीएम की अध्यक्षता में एनसीएपी की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में पाया गया कि आईवीआरआई पुल से नैनीताल मार्ग तक फेंसिंग और पौधरोपण कार्य के लिए ब्रिज कंस्ट्रक्शन को ठेका दिया गया था, लेकिन फर्म के मालिक वरुण यादव ने अब तक आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं किए थे। पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता राकेश कुमार ने इज्जतनगर थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। तहरीर में बताया गया कि निविदा स्वीकृत होने के बावजूद ठेकेदार द्वारा दस्तावेज जमा न करने से परियोजना में देरी हो रही थी, जिससे सरकारी कार्य बाधित हुआ और प्रोजेक्ट की प्रगति प्रभावित हुई।

डीएम के सामने बिना साइन पेश की गई विवरण पुस्तिका

समीक्षा बैठक के दौरान नगर निगम के अपर नगर आयुक्त सुनील कुमार यादव ने परियोजना से जुड़े वित्तीय विवरण और अन्य जरूरी जानकारी अधूरी प्रस्तुत की। उन्होंने बिना हस्ताक्षर की विवरण पुस्तिका डीएम के सामने पेश कर दी, जबकि नियमानुसार अपर नगर आयुक्त के हस्ताक्षर अनिवार्य थे। इसके अलावा, पुस्तिका में परियोजना के तहत मिली और खर्च की गई धनराशि का भी कोई स्पष्ट विवरण नहीं दिया गया। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने अपर नगर आयुक्त से स्पष्टीकरण मांगा और वेतन रोकने के आदेश जारी किए।

सात महीने से लंबित पड़ा प्रोजेक्ट

एनसीएपी के तहत जुलाई 2024 में यह परियोजना स्वीकृत हुई थी, लेकिन सात महीने बीतने के बाद भी काम शुरू नहीं किया गया। नगर आयुक्त समेत अन्य अधिकारियों ने कई बार निर्देश दिए, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई। डीएम द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट लिखा गया कि इतने लंबे समय तक कार्य न होने से यह प्रतीत होता है कि जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे हैं। इसी लापरवाही को देखते हुए नगर आयुक्त और वरिष्ठ कोषाधिकारी को आदेश की प्रति भेजी गई।

प्रशासनिक सख्ती से नगर निगम ठेकेदारों में हड़कंप

डीएम के इस कड़े रुख के बाद नगर निगम से जुड़े अन्य ठेकेदारों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। अब सभी ठेकेदारों को समय पर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि भविष्य में किसी और के खिलाफ ऐसी कड़ी कार्रवाई न करनी पड़े।

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