पिछले चार माह में विद्यालय के कायाकल्प पर करीब 30 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इस राशि से विद्यालय की चारदीवारी, 35 कमरों, बरामदों, दीवारों की मरम्मत, प्लास्टर, रंगरोगन, फर्श पर टाइल्स, विद्युत फिटिंग, खिड़कियों और दरवाजों के किवाड़ आदि कार्य कराए गए हैं। विद्यालय परिसर में कस्बे के बीजक की पहाड़ी स्थित प्राचीन बौद्ध स्तूप का प्रतिरूप भी बनाया जाएगा, ताकि जो लोग वहां प्रत्यक्ष रूप से नहीं जा पाए हैं, वे उसका अवलोकन विद्यालय में ही कर सकें।

पूर्व में विद्यालय परिसर में 6 खिड़कियां और 7 दरवाजे बिना किवाड़ के खुले थे, जिससे कोई भी व्यक्ति परिसर में बेरोकटोक प्रवेश कर सकता था। अब सभी खिड़कियों और दरवाजों पर किवाड़ लगाए गए हैं। विद्यालय प्रशासन की अनुमति के बिना अब परिसर में कोई भी प्रवेश नहीं कर सकेगा।
विद्यालय भवन को आकर्षक रूप देने के लिए मुख्य द्वार पर किले के मेहराब जैसा स्वरूप तैयार किया जा रहा है। साथ ही वाहनों के लिए पार्किंग क्षेत्र विकसित किया है, जिस पर टिनशेड लगाया गया है। इसके अतिरिक्त शहीद स्मारक और प्रधानाचार्य कक्ष को नया रूप दिया जा रहा है।
विद्यालय में पौधरोपण के लिए एक संरक्षित क्षेत्र भी तैयार किया जा रहा है। प्रधानाचार्य अनिल कुमार जेवरिया व शिक्षक सुरेश कुमार ने बताया कि जुलाई में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें विराटनगर के 51 जोड़ों को आमंत्रित किया जाएगा।