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बस्सी

जर्जर भवनों के बीच जिंदगी, हर पल अनहोनी का डर

अचरोल में आम रास्तों के किनारे या रिहायशी इलाकों में 24 से अधिक जर्जर भवन है, जिनकी कोई सारसंभाल नहीं हो रही है। बारिश के मौसम में पत्थर गिरते रहते है, जिससे लोगों में हादसे का डर बना हुआ है।

बस्सीJul 20, 2025 / 05:13 pm

vinod sharma

Dilapidated Buildings

अचरोल में अचलेश्वर मंदिर के पास जर्जर मकान।

जयपुर जिले के अचरोल के कई इलाके ऐसे हैं जहां कदम रखना भी लोगों के लिए खतरे से खाली नहीं। हर कोने पर एक जर्जर इमारत है, जो कभी भी गिर सकती है। घर तो हैं, मगर कब गिर जाएं, कोई नहीं जानता। बारिश के साथ हर तरफ खतरे की बूंदें भी टपक रही हैं। जर्जर भवनों की हालत इतनी खस्ता है कि अब वो पनाह नहीं, बल्कि आफत बन चुके हैं। लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी अब डर के साये में गुजर रही है। कई बार प्रशासन से गुहार लगाई गई पर कोई सुनवाई नहीं हुई। कस्बे में आम रास्तों के किनारे या रिहायशी इलाकों में 24 से अधिक जर्जर भवन है, जिनकी कोई सारसंभाल नहीं हो रही है। बारिश के मौसम में पत्थर आदि गिरते रहते है, जिससे लोगों में हादसे का डर बना हुआ है। शुक्रवार रात भी पुराना बाजार में एक जर्जर दुकान ढह गई। रात होने से हादसा होने से टल गया। इन जर्जर भवनों के पास से गुजरने से लोगों को हर वक्त खतरा बना रहता है। आसपास में रहने वाले लोग डर के साये में रहने को मजबूर है।

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यहां है जर्जर भवन
कस्बे में सहकारी समिति से गंगा माता मंदिर जाने वाले सड़क पर, पुराना बाजार हनुमान मंदिर के पास, बुनकरों का मोहल्ला, अचलेश्वर मंदिर के आसपास, महलों के आसपास, ठाकुरजी मंदिर के पास, नाइयों की गली, बडायों का मोहल्ला, सुनारों का मोहल्ला, पुराना बाजार, गोपीनाथजी मंदिर के पास, नया बाजार सड़क आदि स्थानों पर भवन जर्जर हादसों को न्योता दे रहे है।
रात को दुकान ढही, हादसा टला
अचरोल के पुराने बाजार में शुक्रवार देर रात एक जर्जर दुकान ढह गई। रात होने के कारण किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। ग्रामीणों ने बताया कि रात करीब 1 बजे धमाका होने से बाहर आए तो देखा कि वर्षों पुरानी एक दुकान का एक हिस्सा ढह चुका था। दुकान लंबे समय से जर्जर थी और उसका कुछ हिस्सा अभी भी खतरनाक स्थिति में है, जो कभी भी गिर सकता है। पास में ही दुकान और हनुमान मंदिर भी है, जहां सावन में काफी लोग आते है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन समस्या जस की तस है।
प्रशासन जर्जर भवनों को हटाए
अचरोल के पुराने बाजार में यह दुकान काफी समय से जर्जर थी। हमने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज रात अगर कोई यहां होता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
-मोहनलाल पहाड़िया

Danger from dilapidated houses in Acharol

कस्बे में ऐसी कई और भी जर्जर इमारतें हैं जो कभी भी गिर सकती है। प्रशासन को तुरंत इनका सर्वे करवाकर इन्हें हटाने की जरूरत है, नहीं तो भविष्य में और भी बड़े हादसे हो सकते हैं।
-श्रवण बेनीवाल
प्रशासन की घोर लापरवाही है। जब तक कोई बड़ा हादसा नहीं होता, तब तक अधिकारी नींद से नहीं जागते। जिम्मेदार अधिकारियों को अब ठोस कदम उठाने होंगे।
-चंद्रप्रकाश सैन

अधिकांश भवन मालिक बाहर रहते है, जिससे उनकी देखरेख नहीं हो पाती। प्रशासन को ऐसे सभी खतरनाक भवनों को चिह्नित कर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोगों की जान सुरक्षित रहे।
-मनोज अग्रवाल
इनका कहना है…
आम रास्तों पर स्थित जर्जर भवनों की पहचान कर उन्हें हटाने की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। पहले भी नोटिस जारी किए जा चुके है, लेकिन अब इस दिशा में सख्त कदम उठाए जाएंगे।
-रामलाल गुर्जर, ग्राम विकास अधिकारी अचरोल
निजी सम्पत्ति में हस्तक्षेप नहीं कर सकते, अभी तक मेरे पास इस प्रकार की कोई सूचना नहीं है। फिर भी एक बार सर्वे करवा लेंगे।
-बजरंगलाल स्वामी, एसडीएम आमेर

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