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Rajasthan News: राजस्थान ने UP को पछाड़ा, स्थायी वारंटी और भगोड़े अपराधियों का सबसे बड़ा गढ़ बना

Criminals in Rajasthan: यूपी को भी मात दे देश के 71 फीसदी स्थायी वारंटी राजस्थान में, कमजोर पुलिसिंग और लचर लॉ एंड ऑर्डर के चलते हर साल बढ़ रहे आंकड़े

भरतपुरFeb 23, 2025 / 07:49 am

Rakesh Mishra

संत कौशिक
राजस्थान लंबे समय से देश में स्थायी वारंटी, अघोषित वारंटी व भगोड़े अपराधियों का सबसे बड़ा गढ़ बना हुआ है। आंकड़ों पर गौर करें तो राजस्थान स्थाई वारंटियों में उत्तर प्रदेश से भी 10 गुना आगे है। इसके पीछे कमजोर पुलिसिंग, अपराधियों को पकड़ने की इच्छाशक्ति और मजबूत अभियान नहीं चलाया जाना है। राजनैतिक दबाव भी इसका बड़ा कारण है। ऐसे अपराधियों का आंकड़ा लगातार बढ़ने से प्रदेश में कानून व्यवस्था भंग होने का खतरा हर वक्त बना रहता है।
सीसीटीएनएस पर पुलिस आंकड़ों के मुताबिक भारत में कुल 1,13,497 स्थायी वारंटियों में से 80,468 (करीब 71 प्रतिशत) सिर्फ राजस्थान में हैं। इसी तरह अघोषित वारंटियों की संख्या 2,196 है, इसमें से 1025 (47 प्रतिशत) राजस्थान में दर्ज हैं। भगोड़े अपराधियों की बात करें तो देश में कुल 10,560 हैं, जिनमें से 5,824 (55 प्रतिशत) अकेले राजस्थान में सक्रिय हैं।
खास बात है कि राजस्थान में अन्य राज्यों की तुलना में 10 से 40 गुना अधिक अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। उत्तर प्रदेश से 10 गुना, हरियाणा से 13 गुना, मध्य प्रदेश से 16 गुना, पंजाब से 20 गुना और दिल्ली, गुजरात, बिहार व महाराष्ट्र से 40 गुना ज्यादा अपराधी यहां खुलेआम घूम रहे हैं।

9 राज्यों में खुलेआम धूम रहे अपराधी

देशभर में अपराधियों के मामले में राजस्थान के बाद उत्तर प्रदेश और हरियाणा सबसे ज्यादा अपराधी खुले घूम रहे हैं। इस प्रकार सर्वाधिक खुल्लेआम घूम रहे अपराधियों की संख्या वाले राज्य- राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र हैं, जहां वारंटियों की संख्या हजारों में है। इधर, इसके विपरीत देश में छोटे राज्यों में अपराधियों की संख्या नगण्य देखी जा रही है।

वारंटियों के लिए राजस्थान महफूज

आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान अपराधियों के लिए देशभर में सबसे ज्यादा महफूज जगह है। इसके चलते अन्य राज्यों के अपराधी भी राजस्थान में खुद को सुरक्षित महसूस कर अपना नेटवर्क यहीं से ऑपरेट करते हैं। सवाल यह है कि क्या पुलिस इन भगोड़े अपराधियों पर शिकंजा कसने में सक्षम नहीं है? क्या सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगी या फिर अपराधी यूं ही पुलिस की आंखों में धूल झोंकते रहेंगे?
criminals in rajasthan

राजनीतिक संरक्षण भी बड़ी वजह

देश में लाखों की संख्या में पुलिस की गिरफ्त से बाहर खुलेआम घूम रहे अपराधियों के पीछे राजनीतिक संरक्षण पुलिस के हांथ बांध देती है। हालांकि पुलिस की सुस्त कार्रवाई, अपराधियों पर कमजोर पकड़, सीमावर्ती राज्य होने का फायदा भी अपराधियों को मिलता है जिससे उनके हौंसले और बुलंद हाते जा रहे हैं।
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अपराधियों के बारे में भी जानें

स्थाई वारंटी : वे लोग होते हैं जिन पर किसी अपराध का आरोप होता है लेकिन उनकी जमानत नहीं होने से उन्हें किसी भी वक्त गिरफ्तार किया जा सकता है।
घोषित अपराधी : वह व्यक्ति होता है जिस पर गंभीर अपराध का आरोप हो और वह अदालत में पेश होने में विफल रहा हो। अदालत जांच के बाद किसी व्यक्ति को घोषित अपराधी कर सकती है।
भगोड़ा अपराधी : वह व्यक्ति जो आपराधिक मुकदमे से बचने के लिए देश छोड़ देता है या लौटने से इनकार करता है। ऐसे अपराधियों के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत कार्रवाई होती है।

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