मोहर्रम से एक दिन पूर्व शनिवार शाम को सांगानेरी गेट जमात खाने से कत्ल की रात पर इमाम हुसैन को याद करते हुए ढोल और ताशों की मातमी धुनों के बीच ताजिए निकालने के लिए सांगानेरी गेट स्थित जमात खाने वाली गली के पास समाज के लोग एकत्र हुए। यहां से अंसारी समाज की ओर से ताजिए का जुलूस शाम छह बजे शुरू होना था। इससे पहले विहिप, बजरंग दल तथा हिन्दू महासभा समेत अन्य हिन्दू संगठन विरोध करते हुए बड़ी संख्या में शहीद चौक पर एकत्र हो गए। ताकि ताजिए इस रास्ते से आगे नहीं बढ़ सकें। विहिप के विभाग मंत्री विजय ओझा ने जहाजपुर में 11 माह पहले वाले बेवाण के मामले का निस्तारण, बेवाण के रास्ते पर हो रहे अतिक्रमण तथा डिप्टी पारीक को हटाने की मांग रखी। प्रदर्शन के चलते पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आ गए। विहिप जिलाध्यक्ष रामप्रकाश बहेडि़या, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य ओम बूलिया, प्रांत के विनित द्विवेदी, जिला मंत्री ओमप्रकाश लढा, जिला संयोजक मुकेश प्रजापत, भारत गेंगट, गणेश प्रजापत के नेतृत्व में हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। सांगानेरी में रास्ते को लेकर चल रहे विवाद के चलते सांगानेर कस्बे से भी ताजिए नहीं निकाले गए। समाज के लोगों ने प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए नए रास्ते से ताजिए नहीं निकालने का निर्णय किया। एएसपी पारस जैन के साथ वार्ता का दौर चला। पांच घंटे बाद समझाइश होने पर हिन्दूवादी संगठन राजी हुए और रास्ता छोड़ा।
स्टेशन से निकले ताजिए शनिवार को नमाज के बाद दादाबाड़ी, मोहम्मदी कॉलोनी, हुसैन कॉलोनी, भवानीनगर, भोपालपुरा, कांवाखेड़ा कच्ची बस्ती, स्टेशन मस्जिद, आरके कॉलोनी, चपरासी कॉलोनी, पुलिस लाइन, गांधीनगर व रामनगर क्षेत्र के ताजिए अपने-अपने मुकाम से रवाना होकर स्टेशन होते हुए देर रात बाहला में नीलगरों की मस्जिद चौक पहुंचे। यहां से जुलूस पुरानी धानमंडी चौक में मुकाम लगाया। ढोल ताशों की मातमी धुन पर अखाड़ा प्रदर्शन किया। यह सभी ताजिए देर रात को अपने मुकाम के लिए रवाना हो गए। इस दौरान पुलिस के पुख्ता प्रबंध थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात था। इसके अलावा सभी थानों की पुलिस ताजियों के साथ थी।
ताजिए आज सैराब होंगे करबला में रविवार सुबह शहर के सभी ताजिए अपने मुकाम से रवाना होकर दोपहर में सर्राफा बाजार पहुंचेंगे। यहां से जुलूस नीलगरों का चौक, पुरानी कचहरी, पटवारियों का मंदिर, तालाब की पाल व बड़ला चौराहा होते हुए करबला पहुंचेगा। जहां करबला सोसायटी की देखरेख में सैराब होंगे।