इस मामले में आरपीसीबी के क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक धनेटवाल के निर्देश पर बोर्ड के कनिष्ठ अभियंता कन्हैया लाल कुमावत मंगलवार शाम बरूंदनी पहुंचे। कुमावत ने बरूंदनीबड़लियास मार्ग पर रेलवे अंडर पास के समीप ओवर लोड डंपर से गिरी मिट्टी के नमूने लिए। कुमावत पुन: बरूंदनी से मांडलगढ़ पहुंचकर मिट्टी के अलग-अलग स्थानों से तीन नमूने लिए।
ग्रामीणों की शिकायत है कि पिछले पांच माह से मांडलगढ़ रेलवे स्टेशन के पास भराव के लिए चंदेरिया से डंपर और ट्रेलर मिट्टी भरकर ला रहे है। यह मिट्टी दूषित बताई जा रही है। इससे क्षेत्र का पर्यावरण दूषित हो रहा है। आरपीसीबी के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में ठेकेदार से दस्तावेज मांगे है। साथ ही मिट्टी की जांच से ही खुलासा होगा कि इस मिट्टी से लोगों को कोई नुकसान हो सकता है या नहीं।
प्रतिदिन आ रहे थे 40 से 50 वाहन प्रतिदिन 40 से 50 वाहनों के माध्यम से मिट्टी लाई जा रही थी। चंदेरिया से नगरी, बस्सी, पारसोली, बरूंदनी, सिंगोली तथा चंदेरिया से गंगरार, मंगरोप, आमा, बड़लियास, बरूंदनी, सिंगोली होकर मांडलगढ़ आ रही थी।
कल होगा लोकार्पण मांडलगढ़ रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण के कार्य का लोकार्पण 22 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुवल करेंगे। लोकार्पण की तैयारियों का अवलोकन करने आए कोटा मंडल रेलवे के सहायक वाणिज्यिक अधिकारी को नागरिकों ने दूषित मिट्टी के भराव तथा उससे होने वाले नुकसान के बारे में शिकायत दर्ज करवाई थी।
मिट्टी से हो सकते कई रोग डाली गई दूषित मिट्टी से कई गंभीर बीमारियां हो सकती है। वनस्पति, जीव जंतुओं और पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है। ऐसे अपशिष्ट को पुनः शोधित कर सुरक्षित निस्तारित करना चाहिए।
अमिता गेलडा , विशेषज्ञ जैव प्रौद्योगिकी दूषित मिट्टी से गांवों की भूमि बर्बाद होगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कठोर कारवाई करे। इसकी जांच होनी चाहिए। बाबूलाल जाजू, पर्यावरण विद