संधू ने प्लांट का संचालन कर रही रोल्जमैटेरियल हैंडलिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि से जानकारी लेने के बाद कहा कि वे 7 दिनों में पर्यावरण स्वीकृति के लिए आवेदन करें। पर्यावरण मंजूरी से छूट चाहते हैं तो सीया जयपुर को अभ्यावेदन प्रस्तुत करें। इन दोनों में से जो भी कार्रवाई करे उसकी रिपोर्ट सात दिन के अंदर पेश करें।
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की सलाहकार रूपलरईज़ादा ने सीया जयपुर से पर्यावरण स्वीकृति के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया की जानकारी दी। इससे कीरखेड़ा में संयत्र की क्षमता 145 टन प्रतिदिन से बढ़कर 300 टन प्रतिदिन हो सकेगी। आरपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना 2006 के अनुसार संयत्र की क्षमता बढ़ाने के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए आवेदन करना अनिवार्य है।
बैठक में स्वायत शासन विभाग जयपुर के दीपक सिंघल, नगर निगम आयुक्त हेमाराम चौधरी, आरपीसीबी जयपुर ठोस अपशिष्ट सेल प्रभारी सोनाली चौधरी तथा रोल्जमैटेरियल हैंडलिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि उपस्थित थे। एनजीटी ने यह दिए थे निर्देश
एनजीटी के अनुसार कचरे का निस्तारण सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत आधुनिक तकनीक के आधार पर करना है। इसके तहत शहर से एकत्रित कचरे से तैयार आरडीएफ को चित्तौडग़ढ़ स्थित सीमेंट उद्योग में ईंधन के रूप में बेचा जा रहा है। गीले कचरे से आर्गेनिक खाद तैयार करने के लिए प्लांट लगाया गया है। इसका संचालन दिल्ली की कम्पनी कर रही है।
ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरे के पहाड़ कम्पोस्ट के बाद तैयार खाद को खेतों में काम लिया जा रहा है। नगर निगम आयुक्त हेमाराम का कहना है कि एनजीटी के आदेश पर कचरा निस्तारण हो रहा है। प्लांट की क्षमता बढ़ाने के लिए ईसी की जरूरत है इसके लिए जिला कलक्टर संधू ने कम्पनी के प्रतिनिधि को आवेदन करने के निर्देश दिए है।