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भीलवाड़ा

बैराइट्स, फेल्सपार, अभ्रक व क्वार्ट्ज खदानों का 31 जुलाई तक कराना होगा पंजीयन

– केंद्र सरकार ने पहले आईबीएम में पंजीयन के लिए दिया था 31 मार्च तक का समय

भीलवाड़ाMay 03, 2025 / 11:08 am

Suresh Jain

Registration of barytes, feldspar, mica and quartz mines will have to be done by July 31

Registration of barytes, feldspar, mica and quartz mines will have to be done by July 31

देशभर की बैराइट्स, फेल्सपार, अभ्रक व क्वार्ट्ज की खदानों को अप्रधान से प्रधान श्रेणी में लेने के बाद भारतीय खान ब्यूरो में ऑनलाइन पंजीयन कराने में छूट दी है। अब 31 जुलाई तक पंजीयन कराना होगा। पहले 31 मार्च तक के निर्देश थे। छूट से खनिज व्यापारियों को राहत मिली है, लेकिन उनका विरोध अब भी जारी है।
खान मंत्रालय के संयुक्त सचिव दिनेश माहुर ने एक मई को आदेश जारी कर कुछ राहत दी है। इसमें इन चारों तरह की खदानों से निकलने वाले खनिज पर राज्य सरकारों को मौजूदा दरों पर रॉयल्टी राशि लेने का अधिकार होगा। रॉयल्टी 31 मार्च, 2026 तक या इससे पहले जो भी खान मंत्रालय के आदेश आने तक वसूल कर सकेगी।
नए खनिज जोड़ने के लिए कर सकेंगे आवेदन

खनिज बैराइट्स, फेल्सपार, माइका व क्वार्ट्ज की खदान पट्टेदार अपने पट्टे में पाए जाने वाले उन खनिजों के नाम शामिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं जो खनन पट्टे में पहले से शामिल नहीं हैं। इसके लिए राज्य सरकार महत्वपूर्ण खनिजों के खनन और समग्र खनिज विकास को ध्यान में रखते हुए खनिजों को पट्टे में शामिल करने का काम करेगी। इन चार खनिजों के लिए मौजूदा खनन योजनाओं को राज्य सरकारों के माध्यम से ही 31 मार्च, 2027 तक के लिए अनुमोदित किया जा सकेगा। इसके लिए खनन पट्टेदार को आईबीएम में अपनी योजना के दस्तावेज पेश करने होंगे। इसके लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया। इसके अलावा खान मालिक अपनी वैधता अवधि से आगे भी खनन करने के लिए आईबीएम से दस्तावेज को अनुमोदन करवा सकेंगे।
ड्रोन सर्वे करवाकर करनी होगी रिपोर्ट पेश

आदेश में कहा है कि इन चारों खनन पट्टों को 1 जुलाई 2025 या इससे पहले एमसीडीआर 2017 के नियम 34ए के तहत खनन पट्टा क्षेत्र का ड्रोन सर्वे करवाकर रिपोर्ट पेश करनी होगी। फिलहाल इन चारों तरह की खदानें 31 मार्च 2027 तक के लिए वैध मानी जाएगी। जुलाई 2026 से पहले ऑन लाइन स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट भी पेश करनी होगी। पट्टेदारों को 30 सितंबर, 2025 तक आईबीएम को एमसीडीआर 2017 के नियम 45 के तहत मासिक और वार्षिक रिटर्न दाखिल न करने पर दंडित नहीं किया जाएगा। हालांकि मौजूदा प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकारों को अपने रिटर्न जमा कराने होंगे। पट्टेदार एमसीडीआर 2017 के नियम 45 के तहत आईबीएम को 30 सितंबर 2025 तक रिटर्न जमा करेंगे। एमसीआर 2016 और एमसीडीआर 2017 के नियम 45 के अलावा, प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 31 मार्च 2026 तक मौजूदा खदानों पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।

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