आरपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि कम्पनी के टायर प्लांट से निकलने वाले खतरनाक अपशिष्ट को खुले में जलाने की ग्रामीणों की शिकायत मिलने पर उपखंड अधिकारी हमीरगढ़ समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। टीम की ओर से किए निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिली। विभाग ने इसके संचालन की सहमति को निरस्त करने तथा उद्योग को बंद करने के प्रस्ताव 23 अक्टूबर 2024 को बोर्ड में भेजे थे। बोर्ड ने सुनवाई को मौका देते हुए अंतिम कारण बताओ नोटिस 23 दिसंबर 2024 को जारी किया था। इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं करने पर बोर्ड ने 2 मई को आदेश जारी कर प्लांट को बंद कराने के आदेश जारी किए।
यह मिली थी खामियां इकाई ने जल निकासी और खपत की लॉगबुक नहीं रखी थी। मीटरिंग सुविधा नहीं थी। बारिश के पानी की निकासी के पुख्ता प्रबंध नहीं थे। निरीक्षण के दौरान ईटीपी बंद मिला। खतरनाक अपशिष्ट के लिए इकाई ने परिसर में वेट ब्रिज की व्यवस्था नहीं की थी। दुर्गंध को रोकने के कोई उपाय नहीं थे। आस-पास के ग्रामीण परेशान थे। अपशिष्ट के लिए कोई कवर्ड शेड और अलग भंडारण सुविधा नहीं थी। निरीक्षण के दौरान अपशिष्ट के खाली बैग खुले में बिखरे हुए पाए।