प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने बिजली बिलों का नकद भुगतान कंपनी के जोन, वितरण केन्द्र कार्यालय, पीओएस मशीन अथवा अधिकृत भुगतान केन्द्रों जैसे एम.पी.ऑनलाइन, कॉमन सर्विस सेन्टर, आईसेक्ट कियोस्क पर ही करें। बिजली बिलों के केशलेश भुगतान के लिए कंपनी के पोर्टल portal.mpcz.in (नेट बैंकिंग, क्रेडिट/डेबिट कार्ड, यूपीआई, ईसीएस, बीबीपीएस, कैश कार्ड एवं वॉलेट आदि) फोन पे, अमेजान पे, गूगल पे, पेटीएम ऐप, व्हाट्सएप एवं उपाय ऐप के माध्यम से भी बिल भुगतान की सुविधा उपलब्ध है।
बिजली कंपनी के सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारियों ने बताया है कि बिजली बिल या अन्य विद्युत देयकों के भुगतान के लिए उपभोक्ता पहचान नंबर यानि आईवीआरएस नंबर की जरूरत होती है। आईवीआरएस नंबर के आधार पर ही जोन, वितरण केन्द्रों या अन्य गेटवे एमपी ऑनलाइन, पेटीएम, फोन, गूगल, अमेजन, व्हाट्सएप आदि पर बिजली बिलों का भुगतान होता है। कंपनी का उपभोक्ताओं से स्पष्ट कहना है कि वे किसी भी मोबाइल नंबर से आए फोन के आधार पर किसी भी मोबाइल नंबर पर बिजली बिलों की राशि अंतरित न करें। साथ ही अपना पिन नंबर भी किसी के साथ साझा न करें।
एसएमएस, व्हाट्सएप मैसेज एवं आईव्हीआर फोन कॉल पूरी तरह से फर्जी
अधिकारियों के अनुसार कंपनी के संज्ञान में आया है कि सायबर जालसाजों द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को एसएमएस, व्हाट्सएप मैसेज अथवा आईव्हीआर तकनीक से फोन कॉल पर नंबर दबाने के लिए कहा जाता है। जालसाजों द्वारा बिल भुगतान कराने के लिए बिजली काट दी जाएगी, जैसा डर दिखाया जाता है। इसके बाद बिल भुगतान करने के लिए विशेष नंबर दबाएं अथवा खास मोबाइल नंबर पर संपर्क कर बकाया राशि जमा कराएं, जैसे संदेश दिये जाते हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अनुसार ये सायबर ठगी है। इस प्रकार के एसएमएस, व्हाट्सएप मैसेज एवं आईव्हीआर फोन कॉल पूरी तरह से फर्जी हैं, इन पर ध्यान नहीं दें।